राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत के दिग्गज उद्योगपति श्री रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन, दुनिया भर में शोक की लहर

10 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: भारत के दिग्गज उद्योगपति श्री रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन, दुनिया भर में शोक की लहर – भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। टाटा समूह ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस दुखद खबर की पुष्टि की।

रतन टाटा ने वैश्विक उद्योग जगत में अपनी पहचान कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सौदों के माध्यम से बनाई। 2008 में उन्होंने टाटा मोटर्स के तहत जगुआर और लैंड रोवर जैसी ब्रिटिश कार ब्रांड्स को फोर्ड से खरीदा था, जिसने उन्हें विश्व पटल पर स्थापित कर दिया।

टाटा समूह द्वारा जारी बयान में कहा गया, “रतन नवल टाटा के निधन से हम एक असाधारण नेता को खो बैठे हैं, जिनके अमूल्य योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे देश की बुनियाद को भी मजबूत किया है।”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दुख जताते हुए उन्हें एक “दूरदर्शी व्यवसायी, करुणामय व्यक्ति और असाधारण मानव” करार दिया। उन्होंने लिखा, “उन्होंने भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यवसायिक घरानों को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया।”

रतन टाटा का जन्म 1937 में पारसी परिवार में हुआ था, जो ज़ोरास्ट्रियन धर्म का पालन करने वाला एक जातीय-धार्मिक समूह है। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 1962 में भारत लौटकर परिवार के व्यवसाय से जुड़ गए।

टाटा परिवार द्वारा स्थापित कंपनी 1868 में उनके परदादा द्वारा शुरू की गई थी, जिसने भारत का पहला स्टील प्लांट, पहला लग्जरी होटल और पहली घरेलू एयरलाइन की नींव रखी। 2011 में सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में रतन टाटा ने कहा था, “हमारी परिवार ने राष्ट्रीय उद्योगों की स्थापना की और अधिकांश कमाई को परोपकारी कार्यों में लगाया। यह परंपरा सालों से जारी है।”

1991 में रतन टाटा ने टाटा समूह की कमान संभाली, जब भारत आर्थिक सुधारों की ओर बढ़ रहा था। 2000 में टाटा समूह ने ब्रिटिश कंपनी टेटली को $432 मिलियन में खरीदा, और 2007 में $12.1 बिलियन में कोरस स्टील कंपनी का अधिग्रहण किया।

2012 में रतन टाटा ने टाटा समूह के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्ति ली, लेकिन उनकी विरासत और उनके सामाजिक कार्यों ने उन्हें आज भी लोगों के दिलों में जीवित रखा है।

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