भारत सरकार ने किसानों की आत्महत्या पर जवाब दिया, MSP सुधारों पर किया स्पष्टीकरण
24 जुलाई 2025, नई दिल्ली: भारत सरकार ने किसानों की आत्महत्या पर जवाब दिया, MSP सुधारों पर किया स्पष्टीकरण – लोकसभा में एक सवाल के जवाब में भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि 2024-25 और 2025-26 के दौरान किसानों की आत्महत्या से संबंधित ताज़ा आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से दी गई। आत्महत्याओं से संबंधित आंकड़े गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा संकलित किए जाते हैं। वर्तमान में उपलब्ध नवीनतम रिपोर्ट 2022 की है, जो NCRB की वेबसाइट पर प्रकाशित है।
यह सवाल सांसद श्री आनंद भदौरिया ने उठाया था, जिसमें विशेष रूप से महाराष्ट्र में 2025 की पहली तिमाही में 767 किसानों द्वारा आत्महत्याकिए जाने की बात कही गई थी। सरकार ने इस आंकड़े की पुष्टि करने से इनकार किया और कहा कि 2025 के आंकड़े NCRB द्वारा अभी जारी नहीं किए गए हैं।
इसके साथ ही श्री भदौरिया ने यह भी पूछा कि क्या सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)के लिए C2 लागत पर 50% लाभ का फार्मूला लागू करेगी, ताकि किसानों की आत्महत्या की गंभीर समस्या का समाधान हो सके।
इस पर कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने 2018-19 के बजट से ही MSP को लागत मूल्य से डेढ़ गुना तय करने की नीति को अपनाया है। यह MSP दरें कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर और राज्यों व संबंधित मंत्रालयों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों के लिए MSP में औसत उत्पादन लागत पर कम से कम 50% लाभशामिल किया गया है, हालांकि यह गणना A2+FL लागत के आधार पर की जाती है, ना कि पूरी C2 लागत के अनुसार, जिसकी मांग किसान संगठनों द्वारा की जाती रही है।
भारत में किसानों की आत्महत्या एक गंभीर और जटिल समस्या बनी हुई है। कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों और किसान नेताओं का कहना है कि केवल MSP नहीं, बल्कि ऋण माफी, जलवायु जोखिम से सुरक्षा, और बाजार स्थिरता जैसी व्यापक नीतियों की भी ज़रूरत है।
सरकार की ओर से फिलहाल C2+50% फार्मूले को लागू करने का कोई संकेत नहीं दिया गया है, लेकिन मंत्रालय ने यह ज़रूर दोहराया कि MSP नीति का उद्देश्य किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाना है।
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