राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत इंटरनेशनल मिलेट इयर 2023 में मोटे अनाज के  उत्पादन, निर्यात, ब्रांडिंग पर जोर देगा 

09 अगस्त 2022, नई दिल्ली: भारत इंटरनेशनल मिलेट इयर 2023 में मोटे अनाज के उत्पादन, निर्यात, ब्रांडिंग पर जोर देगा – सरकार मोटा अनाज और अन्य पोषक अनाज को लोकप्रिय बनाने के लिए देश और विदेश में कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग, राज्य सरकारों के साथ, कृषि विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) और कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डेअर) के समन्वय से पोषक अनाज को बढ़ावा देंगे।

भारत सरकार ने यूनाइटेड नेशंस को 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा आनाज वर्ष (International Year of Millets 2023 (IYoM-2023)) घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। भारत के प्रस्ताव को 72 देशों ने समर्थन दिया और यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली  (UNGA) ने मार्च, 2021 में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (IYOM) के रूप में घोषित किया।

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इस अभियान के लिए दिल्ली में हुई बैठक को संबोधित करते हुए, श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने IYoM-2023 के भव्य समारोहों के लिए गतिविधियों की योजना बनाई है। IYOM-2023 की कार्य योजना उत्पादन, खपत, निर्यात, ब्रांडिंग आदि को बढ़ाने की रणनीतियों पर केंद्रित है। 

सरकार ने 2021-2022 से 2026-27 तक सात वर्षों की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये के बजट  के साथ “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना” नामक एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना को भी मंजूरी दी है।

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इस योजना के प्राथमिक उद्देश्यों में वैश्विक खाद्य निर्माण चैंपियन बनाने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करना शामिल है। योजना के तहत सहायता प्रदान करने के लिए उच्च विकास क्षमता वाले विशिष्ट खाद्य उत्पाद खंडों की पहचान की गई है। इनमें मोटे अनाज के उत्पादों सहित रेडी टू कुक और रेडी टू ईट  (आरटीसी/आरटीई) खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

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श्री तोमर ने कहा कि पोषक अनाज (मोटा आनाज) को लोकप्रिय बनाने के कार्यक्रमों की निगरानी के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति और सचिव, डीए एंड एफडब्ल्यू और सचिव, डेयर की अध्यक्षता में एक कोर समिति का गठन किया गया है।

मोटे  अनाज प्रोटीन, फाइबर, खनिज, आयरन, कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। भारत मोटा अनाज का एक प्रमुख उत्पादक है, जो एशिया के उत्पादन का 80% और वैश्विक उत्पादन का 20% हिस्सा है। भारत की मोटा अनाज की औसत उपज (1239 किग्रा/हेक्टेयर) भी वैश्विक औसत उपज 1229 किग्रा/हेक्टेयर से अधिक है। भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख मोटा अनाज फसलें और उनके उत्पादन का प्रतिशत हिस्सा बाजरा  61% हिस्सा, ज्वार (सोरघम) 27%, और मंडुआ / रागी 10% है।

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