आम उत्पादन में भारत दुनिया का अग्रणी, न होगा ‘मैंगो डेवलपमेंट बोर्ड’, MSP में भी शामिल नहीं
21 अगस्त 2025, नई दिल्ली: आम उत्पादन में भारत दुनिया का अग्रणी, न होगा ‘मैंगो डेवलपमेंट बोर्ड’, MSP में भी शामिल नहीं – भारत ने एक बार फिर दुनिया के सबसे बड़े आम उत्पादक देश के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2024-25 (दूसरे अग्रिम अनुमान) में भारत ने 228.37 लाख टन आम का उत्पादन किया है, जो विश्व उत्पादन का लगभग 40 से 45 प्रतिशत है।
यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में दी। प्रश्न आम के लिए ‘मैंगो डेवलपमेंट बोर्ड’ बनाए जाने और आम को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की सूची में शामिल करने से जुड़ा था।
मैंगो बोर्ड बनाने की योजना नहीं
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार के पास फिलहाल ‘मैंगो डेवलपमेंट बोर्ड’ बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके बजाय, मौजूदा योजनाओं के माध्यम से आम के वैज्ञानिक उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस दिशा में बागवानी के समग्र विकास हेतु मिशन (MIDH) प्रमुख कार्यक्रम है, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसानों को सहयोग प्रदान करता है। इसके तहत गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री, क्षेत्र विस्तार, फसल कटाई के बाद प्रबंधन, प्राथमिक प्रसंस्करण और विपणन अवसंरचना के विकास में मदद मिलती है। इसके साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि अवसंरचना निधि (AIF), राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) और एपीडा (APEDA) जैसी योजनाएं भी आम क्षेत्र के विकास और निर्यात संवर्धन में योगदान दे रही हैं।
आम अनुसंधान में बड़ा योगदान
मंत्री ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत कई प्रमुख संस्थान आम पर केंद्रित अनुसंधान कर रहे हैं। इनमें केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (लखनऊ), भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (बेंगलुरु) और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (नई दिल्ली) शामिल हैं। वर्तमान में आम के लिए देशभर में 23 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (AICRP) केंद्र कार्यरत हैं। इन संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से नई किस्में विकसित की जा रही हैं, उत्पादन तकनीकें सुधारी जा रही हैं और कटाई के बाद प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन पर शोध हो रहा है।
MSP सूची में आम शामिल नहीं
MSP से जुड़े प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि आम उन 22 फसलों में शामिल नहीं है जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर तय करती है।
हालांकि, किसानों को औने-पौने दाम पर आम बेचने से बचाने के लिए सरकार प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के अंतर्गत बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) लागू करती है। यह योजना तब सक्रिय होती है जब किसी नाशवंत फसल जैसे आम की बाजार मांग या कीमतों में भारी गिरावट आती है।
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