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खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 प्रतिशत की वृद्धि

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खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 प्रतिशत की वृद्धि

नई दिल्‍ली, 1 जून 2020। देश के करोडों किसानों को सीधा फायदा पहुंचाने वाले दो महत्वपूर्ण फैसले सोमवार को मोदी सरकार ने लिए। इसके तहत अल्‍पावधि कृषि ऋण अदायगी की अवधि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दी गई है, वहीं खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये अहम् निर्णय लिए गए है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री तोमर ने दो अन्य मंत्रियों श्री नितिन गड़करी व श्री प्रकाश जावडेकर के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।

श्री तोमर ने बताया कि कैबिनेट ने वर्ष 2020-21 विपणन मौसम की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि 50 प्रतिशत से 83 प्रतिशत तक की होंगी। इसका सीधा लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिलेगा। हम सभी जानते है कि अन्नदाता किसान कितनी कड़ी मेहनत से देश में अन्न का भंडार भर रहा है।

उन्होंने बताया कि एमएसपी में सर्वाधिक वृद्धि रामतिल में 755 रू. प्रति क्विंटल के भाव की हुई है। तिल में 370 रू. प्रति क्विंटल, उड़द में 300 रू. एवं कपास (लंबा रेशा) में 275 रू. प्रति क्विंटल की भाव वृद्धि की गई है। इसी प्रकार बाजरा, तुअर , मक्का आदि की एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया गया। एमएसपी में बढ़ोत्तरी की विस्तृत जानकारी संलग्न चार्ट में दी है-

वर्ष 2020-21 विपणन मौसम की सभी खरीफ फसलों के लिए एमएसपी:

Sl. Noफसलेंअनुमानित लागत* KMS 2020-21खरीफ 2020-21 के लिए एम.एस.पी.Return over Cost (in %)
1धान (सामान्य)1,2451,86850
2धान (ग्रेड A)^– 1,888
3ज्वार (संकर)1,7462,62050
4ज्वार (Maldandi)^ –2,640
5बाजरा1,1752,15083
6रागी2,1943,29550
7मक्का1,2131,85053
8तुअर (अरहर)3,7966,00058
9मूंग4,7977,19650
10उड़द3,6606,00064
11मूंगफली3,5155,27550
12सूरजमुखी के बीज3,9215,88550
13सोयाबीन (पीला)2,5873,88050
14तिल4,5706,85550
15नाइजर बीज4,4626,69550
16कपास (मध्यम स्टेपल)3,6765,51550
17कपास (लंबा स्टेपल)^5,825
^ धान (ग्रेड ए), ज्वार (मालदंडी) एवं कपास (लंबा रेशा) के लिए लागत आंकड़ें पृथक रूप से संकलित नहीं किए जाते हैं।

इसमें भुगतान की गई लागतें शामिल हैं जैसे किराया मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टा भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई प्रभार जैसे भौतिक आदानों के उपयोग पर व्यय, उपकरणों और फार्म भवनों का मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सैटों आदि के प्रचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध ख़र्च और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य।

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