पिछले तीन महीनों में प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट
09 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: पिछले तीन महीनों में प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट – उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने त्योहारी सीजन के मद्देनजर भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) और प्रमुख खुदरा शृंखलाओं के साथ एक बैठक की। बैठक में प्रमुख दालों की कीमतों में गिरावट और बाजार के रुझानों पर चर्चा हुई। सचिव ने बताया कि पिछले तीन महीनों के दौरान तुअर और उड़द की मंडी कीमतों में औसतन 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन यह गिरावट खुदरा कीमतों में परिलक्षित नहीं हो रही है।
मंडी और खुदरा कीमतों के बीच अंतर:
समीक्षा में सामने आया कि मंडी स्तर पर तुअर और उड़द जैसी दालों की कीमतों में गिरावट के बावजूद खुदरा बाजार में यह लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहा है। चना की मंडी कीमतों में भी हाल ही में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में अब भी वृद्धि जारी है। सचिव ने कहा कि मंडी और खुदरा कीमतों के बीच यह अंतर खुदरा विक्रेताओं द्वारा अधिक मुनाफा वसूलने की ओर इशारा करता है। सरकार इन रुझानों पर कड़ी नजर रख रही है, और यदि यह अंतर बढ़ता है तो आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में सचिव ने बताया कि खरीफ दालों की फसल की स्थिति अच्छी है और इस वर्ष बुवाई क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है। बाजारों में उड़द और मूंग की नई फसल आना शुरू हो गई है, जिससे घरेलू आपूर्ति बढ़ी है। साथ ही, तुअर और उड़द का आयात पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से लगातार हो रहा है। दालों की मौजूदा उपलब्धता बेहतर है और यह स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल पर बढ़ते स्टॉक आंकड़ों से भी स्पष्ट है।
रबी सीजन की तैयारी:
आगामी रबी सीजन में भी दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों को योजनाएं दी जा रही हैं। नैफेड और एनसीसीएफ, खरीफ सीजन की तरह, किसानों के पंजीकरण और बीज वितरण में शामिल रहेंगे। सरकार का उद्देश्य दालों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है, और इसके लिए उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
सचिव ने खुदरा शृंखलाओं से अपील की कि वे दालों की कीमतें किफायती बनाए रखने के लिए सरकार के प्रयासों में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि एनसीसीएफ और नैफेड के साथ मिलकर भारतीय मसूर और मूंग दाल के वितरण में खुदरा विक्रेता आगे आएं, ताकि उपभोक्ताओं को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दालें मिल सकें।
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