राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

आईसीएआर के जीनोम-संपादित धान परीक्षण पर सवाल: जीएम-फ्री इंडिया गठबंधन ने स्वतंत्र समीक्षा की मांग की

31 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: आईसीएआर के जीनोम-संपादित धान परीक्षण पर सवाल: जीएम-फ्री इंडिया गठबंधन ने स्वतंत्र समीक्षा की मांग की – जीएम-फ्री इंडिया गठबंधन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के जीनोम-संपादित धान की दो किस्मों — पुसा डीएसटी-1 और डीआरआर धन 100 (कमला) — के फील्ड ट्रायल को लेकर पारदर्शिता और वैज्ञानिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। आईसीएआर या कृषि मंत्रालय की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

गठबंधन ने आईसीएआर की ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट ऑन राइस (AICRPR) की 2023 और 2024 की वार्षिक प्रगति रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रायल के कुछ परिणामों और निष्कर्षों में असंगतता दिखाई देती है। गठबंधन का कहना है कि इन दोनों किस्मों के बारे में किए गए बेहतर उत्पादन और प्रदर्शन के दावे उपलब्ध आंकड़ों से पूरी तरह मेल नहीं खाते।

गठबंधन के अनुसार, पुसा डीएसटी-1 ने सभी परीक्षण स्थलों पर स्पष्ट उत्पादन लाभ नहीं दिखाया, जबकि डीआरआर धन 100 (कमला) के मूल्यांकन में सीमित स्थानों के आंकड़े शामिल किए गए। समूह ने कहा कि ये विसंगतियाँ आंकड़ों की पारदर्शिता और व्याख्या पर प्रश्न उठाती हैं।

कार्यकर्ता कविता कुरुगांति ने कहा कि कृषि अनुसंधान में सार्वजनिक विश्वास बनाए रखने के लिए इस मामले की गहराई से समीक्षा जरूरी है। गठबंधन ने आईसीएआर के जीनोम-संपादन परीक्षणों और डेटा की स्वतंत्र एवं पारदर्शी समीक्षा की मांग की है, साथ ही यह भी कहा कि परीक्षण की पद्धति और परिणामों को सार्वजनिक किया जाए।

गठबंधन ने भविष्य के जीनोम-संपादित फसलों के अनुसंधान के लिए जैव सुरक्षा मानकों और नियामक निगरानी को मजबूत करने की सिफारिश की है ताकि वैज्ञानिक विश्वसनीयता और किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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