राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

आईसीएआर ने कम लागत में प्याज की अधिक रोपाई के लिए बनाई ट्रैक्टर से चलने वाली अदभुत मशीन, जानिए कैसे करती हैं ये काम 

08 मार्च 2024, नई दिल्ली: आईसीएआर ने कम लागत में प्याज की अधिक रोपाई के लिए बनाई ट्रैक्टर से चलने वाली अदभुत मशीन, जानिए कैसे करती हैं ये काम – प्याज भारत में एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक सब्जी फसल, जिसे तीन प्रकारों में विभाजित किया गया है, जैसे- सामान्य प्याज, छोटा सामान्य प्याज, और मल्टीप्लायर या शैलोट्स जिसे मद्रासी प्याज कहा जाता है। मल्टीप्लायर प्याज, 5-6 बल्ब गुच्छों में पैदा होता हैं।  इसकी खेती ज्यादातर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, दक्षिण कर्नाटक, ओडिशा के कुछ हिस्सों और केरल में खेती की जाती है। देश का लगभग 90 प्रतिशत मल्टीप्लायर प्याज तमिलनाडु से उत्पादित होता हैं।

कैसे तैयार होता है इसका बीज

इसकी खेती के लिए 6 महीने तक भंडारित प्याज के बीज का उपयोग किया जाता हैं। रोपाई में हर बीज की दूरी करीब 15- 20 सेमी रखनी होती हैं। ऐसे में इसको लगाने में काफी समय लगता हैं। इससे रोपाई के लिए उच्च श्रम आवश्यकता और उच्च मजदूरी उत्पादन लागत में 11.9% तक बढ़ जाती है।

Advertisement
Advertisement

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने ट्रैक्टर से चलने वाली अर्का रेज्ड बेड अनियन बल्बलेट प्लांटर बनाया हैं। इससे प्याज रोपाई का काम बहुत आसान हो जाता हैं। इस मशीन में एक चेन लगी होती हैं, जो एक साथ 4 क्योरियों में प्याज के कंदों की रोपाई करता हैं।

ऐसे करता हैं काम

हॉपर में प्याज के बल्ब भरे जाते हैं और ट्रैक्टर को 1.5 किमी/ घंटा की आगे की गति से चलाया जाता है। आगे का उठा हुआ हिस्सा 850- 900 मिमी चौड़ाई और 200 मिमी ऊंचाई का एक बेड बनाता जाता है। प्याज के बल्ब लगाने के लिए 50 मिमी चौड़ाई और 50 मिमी गहराई का कुंड बनाता है। बीज मीटरिंग प्रणाली बीज भंडारण से प्याज के बल्बों की मीटरिंग करती है और उन्हें बीज ट्यूब तक पहुंचाती है। इसके अलावा, प्याज के बल्बों को कुंडो में डालकर मिट्टी से भर दिया जाता हैं। इस मशीन की कार्य क्षमता 0.12 हेक्टेयर/ घंटा है। इस मशीन की मदद से 35 प्रतिशत मेहनत, लागत और समय की बचत हो जाती हैं।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

Advertisements
Advertisement5
Advertisement