ट्रैक्टर से चलने वाली नई मशीन, जो खेत में प्लास्टिक मल्च और बीज एकसाथ लगाएगी
27 जून 2025, भोपाल: ट्रैक्टर से चलने वाली नई मशीन, जो खेत में प्लास्टिक मल्च और बीज एकसाथ लगाएगी – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल स्थित ICAR–सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग (CIAE) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान की ओर से विकसित की गई ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर मशीन का निरीक्षण किया और वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की।
यह मशीन खेत में प्लास्टिक मल्च बिछाने, ड्रिप पाइप बिछाने और बीज लगाने जैसे श्रमसाध्य कार्यों को एकसाथ करती है। आम तौर पर ये काम करने में 29 मानव-दिन/हेक्टेयर लगते हैं, जबकि यह मशीन 89% तक श्रम की बचत कर सकती है।
क्या है इस मशीन की खासियत?
इस मशीन में ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक सिस्टम से जुड़ा हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) और चेन-स्प्रॉकेट ट्रांसमिशन सिस्टम है। बीज गिराने के लिए इसमें वैक्यूम सिस्टम और स्लाइडर क्रैंक मेकैनिज्म का उपयोग किया गया है। बीज को सटीकता से प्लास्टिक मल्च के नीचे लगाने की क्षमता इसे खास बनाती है।
- क्षमता: 0.2 हेक्टेयर प्रति घंटा
- क्षमता उपयोग (Field Efficiency): 74%
- चालन गति: 1.7 किमी/घंटा
- ऑपरेशनल लागत: ₹1500 प्रति घंटा
- कुल लागत: ₹3 लाख
- पे-बैक पीरियड: 1.9 वर्ष (444 घंटे उपयोग के बाद)
- ब्रेक-ईवन पॉइंट: 70 घंटे/वर्ष
इस मशीन से ₹6,600 प्रति हेक्टेयर की लागत की बचत होती है और यह खरबूज, खीरा, स्वीट कॉर्न, भिंडी, मटर, बीन्स जैसे उच्च मूल्य वाली फसलों के लिए उपयुक्त है।
किसानों तक पहुंचें तकनीकें: चौहान
इस मौके पर श्री शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और संस्थान के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि छोटे किसानों की जरूरत के अनुसार तकनीकों का विकास और उनका उपयोग खेतों तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में कृषि यंत्रीकरण की योजना को तेज करने और किसानों के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से चलने वाली मशीनें विकसित करने की जरूरत है।
उन्होंने देशभर में ‘फार्मर फेयर’ आयोजित करने और कृषि यंत्रीकरण पर सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की योजना बनाने की बात भी कही। साथ ही, उन्होंने फूड सेफ्टी, मिट्टी की सेहत और लैब से जमीन तक तकनीकों के प्रभावी ट्रांसफर पर जोर दिया।
कार्यक्रम में ICAR के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जात, डॉ. एस.एन. झा (डिप्टी डायरेक्टर जनरल – इंजीनियरिंग), डॉ. ए.के. नायक (डीडीजी एक्सटेंशन), CIAE के निदेशक डॉ. सी.आर. मेहता और आईआईएसएस भोपाल के निदेशक डॉ. एम. मोहन्टी मौजूद रहे।
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