52 करोड़ की लागत से सिक्किम में बना बागवानी महाविद्यालय, केंद्रीय मंत्री शिवराज ने किया लोकार्पण
26 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: 52 करोड़ की लागत से सिक्किम में बना बागवानी महाविद्यालय, केंद्रीय मंत्री शिवराज ने किया लोकार्पण – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के अंतर्गत सिक्किम के बर्मीओक स्थित बागवानी महाविद्यालय के प्रशासनिक एवं शैक्षणिक भवन और वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस महाविद्यालय का निर्माण 52 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
अपने वर्चुअल संदेश में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “भले ही मैं सशरीर सिक्किम में मौजूद नहीं हूं, लेकिन मेरी आत्मा बर्मीओक के बागवानी महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन में आप सभी के बीच ही है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस भवन के निर्माण से सिक्किम के बेटे-बेटियों को अब बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं, आधुनिक संसाधन और अनुसंधान के अवसर मिलेंगे, जो न केवल शिक्षा बल्कि स्थानीय कृषि के विकास में भी योगदान देंगे।
श्री चौहान ने सिक्किम की तारीफ करते हुए कहा, “सिक्किम अद्भुत प्रदेश है, यहां की जलवायु बागवानी के लिए बेहद उपयुक्त है। यहां एवोकाडो, कीवी, बड़ी इलायची, ऑर्किड के साथ-साथ अदरक, हल्दी, टमाटर और गोभी जैसी सब्जियों की असीम संभावनाएं हैं।”
बागवानी से किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य बागवानी को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित करना है। सिक्किम जैसे जैविक राज्य में मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, बांस और औषधीय पौधों की खेती जैसी गैर-परंपरागत कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा,
“सिक्किम के किसान रासायनिक खादों से दूर, शुद्ध जैविक उत्पाद उगाकर न केवल अपने प्रदेश बल्कि पूरे देश को स्वस्थ उत्पाद उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं।” मंत्री चौहान ने बर्मीओक में खुले इस महाविद्यालय को सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि एक संभावनाओं का केंद्र बताया, जहां से न केवल शिक्षा, बल्कि कृषि नवाचार, स्टार्टअप, जैविक उत्पादों का व्यावसायीकरण और युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।
कृषि के लिए प्रधानमंत्री मोदी की 6 सूत्रीय योजना
केंद्रीय मंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत कृषि सुधारों के 6 प्रमुख सूत्रों को साझा किया:
– उत्पादन बढ़ाना
– उत्पादन की लागत कम करना
– उत्पादन का उचित मूल्य देना
– फसल नुकसान की भरपाई करना
– कृषि का विविधीकरण
– किसानों की आय में वृद्धि
उन्होंने कहा कि बागवानी, फूलों की खेती, बांस की खेती और जैविक उत्पादन जैसे विकल्पों में किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने की क्षमता है। श्री चौहान ने इस बात पर विशेष चिंता जताई कि अत्यधिक केमिकल फर्टिलाइजर के कारण हमारी धरती और स्वास्थ्य दोनों को खतरा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा: “यह धरती सिर्फ हमारी नहीं, आने वाली पीढ़ियों की धरोहर है। अगर ऐसे ही केमिकल का उपयोग होता रहा, तो भविष्य में संकट तय है।”
कृषि छात्रों से आह्वान: स्टार्टअप शुरू करें, इनोवेशन लाएं
कृषि मंत्री ने बागवानी महाविद्यालय के छात्रों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “आप जब कृषि शिक्षा पूरी करें, तो खेती से जुड़े रहें – चाहे खुद खेती करें या एग्रीकल्चर स्टार्टअप शुरू करें। नवाचार, नई तकनीक, और स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर कृषि को आगे ले जाएं। कृषि में अपार संभावनाएं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि आज भी देश की 46% आबादी खेती से रोजगार पाती है, और इसलिए कृषि को छोड़कर भारत का भविष्य मजबूत नहीं हो सकता।
सिक्किम: जैविक क्रांति की राजधानी बनने की राह पर
श्री चौहान ने भरोसा दिलाया कि भारत सरकार सिक्किम जैसे पर्वतीय राज्यों को विशेष प्राथमिकता दे रही है। यहां की अनुपम जलवायु और प्राकृतिक संपदा का सही उपयोग कर इसे देश के जैविक खेती और बागवानी का मॉडल राज्य बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बर्मीओक महाविद्यालय और ऐसे अन्य संस्थान किसानों, वैज्ञानिकों और छात्रों के मिलकर काम करने के केंद्र बनेंगे, जिससे स्थानीय कृषि को वैज्ञानिक समर्थन, बाजार से जुड़ाव, और सतत विकास की दिशा मिलेगी।
ये अधिकारी रहे मौजूद
इस विशेष अवसर पर सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, सिक्किम के कृषि मंत्री पूरन कुमार गुरुंग, कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा और ICAR के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। भागीरथ चौधरी भारत सरकार की ओर से कार्यक्रम में प्रतिनिधि के रूप में बर्मीओक में मौजूद थे, जबकि शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल माध्यम से देशभर के किसानों, छात्रों और अधिकारियों को संबोधित किया।
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