बढ़ रहा यूरिया आयात
5 साल में केवल 5 प्रतिशत बढ़ा उत्पादन देश में
3 अगस्त 2022, नई दिल्ली: बढ़ रहा यूरिया आयात – विगत कुछ वर्षों में जैविक खेती, जीरो बजट खेती और अब प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद यूरिया के आयात में कमी नहीं आ पा रही है। विगत 5 वर्षों से निरन्तर 20-25 प्रतिशत की दर से यूरिया आयात में वृद्धि हो रही है। केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2020-21 में 65 प्रतिशत अधिक यूरिया का आयात हुआ था। (देखें चार्ट) यहां उल्लेखनीय होगा कि देश की कुल यूरिया आवश्यकता की आपूर्ति में आयातित यूरिया की हिस्सेदारी एक तिहाई (33 प्रतिशत) होती है। शेष दो तिहाई की आपूर्ति भारतीय यूरिया निर्माताओं द्वारा की जाती है। वर्ष 2017-18 में भारत में 240.23 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होता था जो 5 वर्षों में लगभग 5 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2021-22 में 250.72 लाख मीट्रिक टन तक ही पहुंचा है। जबकि देश की सालाना आवश्यकता 350 लाख टन पार कर गई है।
यूरिया आयात व्यय और अनुदान में वृद्धि
विगत 5 वर्षों में यूरिया आयात में सरकार के खर्च में भी निरन्तर वृद्धि होती रही है। विशेष रूप से वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 की 4 वर्ष की अवधि में जहां लगभग 100 प्रतिशत वृद्धि हुई थी वहीं वर्ष 2020-21 से वर्ष 2021-22 की एक वर्ष की अवधि में यह लगभग 365 प्रतिशत बढ़कर 6041.06 मिलियन यूएस डालर तक पहुंच गई। इसी तरह इसी अवधि में अनुदान 150 प्रतिशत से बढ़कर 400 प्रतिशत से अधिक हो गया। वर्ष 2017-18 में आयातित यूरिया पर 9980 करोड़ रु. का सब्सिडी व्यय हुआ था जो वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 50250 करोड़ रु. से अधिक हो गया।
यूरिया में आत्मनिर्भरता के लिए कदम
गत सप्ताह उर्वरक मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि देश में यूरिया उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भारतीय यूरिया उत्पादकों ने वर्ष 2021-22 में कुल 250.72 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया था। वर्तमान में देश में 34 यूरिया निर्माण इकाइयां स्थापित हैं। जिनमें नये यूरिया संयंत्र मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एण्ड केमिकल्स लि. पनागढ़ प. बंगाल, चम्बल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लि. गडेपान-lll3 -राजस्थान, रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लि. रामागुंडम तेलंगाना तथा हिन्दुस्तान उर्वरक एंड रसायन लि. गोरखपुर (उ.प्र.) शामिल है।
इसके अतिरिक्त सरकार ने फर्टिलाइजर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. की सिंदरी और तलचर इकाइयों तथा हिन्दुस्तान फर्टिलाइजर कार्पोरेशन लि. की बरौनी इकाई का पुनरुद्धार किया है। इन सभी संयंत्रों में हर एक की उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष है।
देश में यूरिया की आपूर्ति हर सरकार के लिए राजनीतिक रूप से एक संवेदनशील मुद्दा रही है। वर्तमान सरकार भी इसकी संवेदनशीलता को भांपते हुए देश में इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रही ही है साथ ही खेती में इसकी निर्भरता को भी कम करने की कोशिश कर रही है।
वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक यूरिया का आयात, मूल्य एवं सब्सिडी
वर्ष | मात्रा | मूल्य (मिलियन | आयातित यूरिया पर |
(लाख मी. टन) | यूएस डॉलर में) | सब्सिडी (रु. करोड़ में) | |
2017-18 | 59.75 | 1295.87 | 9980 |
2018-19 | 74.81 | 2040.14 | 17155.36 |
2019-20 | 91.23 | 2302.95 | 14049 |
2020-21 | 98.28 | 2580.27 | 25049.62 |
2021-22 | 91.36 | 6041.06 | 50250.4 |
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