National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

डेयरी बोर्ड की कम्पनी अब दूध के साथ ही गोबर भी खरीदेगी

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3 अगस्त 2022, नई दिल्ली: डेयरी बोर्ड की कम्पनी अब दूध के साथ ही गोबर भी खरीदेगी – किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने एक और नई पहल की है। पशु पालक और दूध के कारोबार से जुड़े किसानों के लिए ये खुश खबर है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की कंपनी अब दूध के साथ ही गोबर भी खरीदेगी।  गाय भैंस के इस गोबर का बिजली/गैस और जैविक खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा, जो किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनडीडीबी मृदा लिमिटेड का गत दिनों शुभारंभ किया।

मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने शुभारंभ के मौके पर कहा कि केंद्र सरकार के अनुमोदन से, एनडीडीबी ने 9.50 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ 1 जुलाई, 2022 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत एनडीडीबी एमआरआईडीए लिमिटेड, एक गैर-सूचीबद्ध पब्लिक लिमिटेड कंपनी की स्थापना की है। इसी कंपनी के द्वारा किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। कंपनी इससे बिजली, गैस और जैविक खाद बनाने में इस्तेमाल करेगी।कम्पनी शुभारम्भ के मौके पर केंद्रीय मंत्री श्री रूपाला ने कहा कि एनडीडीबी मृदा लिमिटेड डेयरी किसानों को घोल/गोबर की बिक्री से अतिरिक्त आय के रास्ते खोलेगी।  इस नई पहल से गोबर गैस मिलेगी, जिससे घरों में खाना बनेगा।  घर में ही बायोगैस मिलने से किसानों का ईंधन के मद में होने वाले खर्च की बचत होगी। गोबर आधारित खाद के उपयोग को बढ़ावा देने से धीरे-धीरे रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद द्वारा जगह ले ली जाएगी जिससे आयात पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी।  इस परियोजना को व्यापक रूप से शुरु करने से पहले इसका लघु स्तर पर परीक्षण गुजरात में आणंद के पास जकरियापुरा और मुचकुआ गांव में किया गया जो सफल रहा।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ बाल्यान ने कहा कि यह अपनी तरह की पहली कंपनी है जो खाद प्रबंधन मूल्य श्रृंखला बनाकर गोबर के कुशल उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो डेयरी किसानों की आजीविका को बढ़ाने में अत्यधिक योगदान देगी और साथ ही स्वच्छ भारत मिशन और प्रचार में योगदान देगी। वहीं डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि खाद प्रबंधन पहल में भारत की वर्तमान एलपीजी खपत के 50 प्रतिशत के बराबर बायोगैस उत्पन्न करने और भारत की एनपीके आवश्यकता के 44 प्रतिशत के बराबर जैव-स्लरी का उत्पादन करने की क्षमता है। श्री अतुल चतुर्वेदी, सचिव, डीएएचडी, भारत सरकार ने कहा कि एनडीडीबी ने डेयरी संयंत्रों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए मवेशियों के गोबर के उपयोग के लिए भी परियोजनाएं शुरू की हैं। इस तरह की पहली परियोजना की आधारशिला भारत के प्रधान मंत्री द्वारा 23 दिसंबर, 2021 को वाराणसी में रखी गई थी। श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी और एनडीडीबी मृदा, ने कहा कि एनडीडीबी मृदा लिमिटेड डेयरी संयंत्रों के लिए खाद मूल्य श्रृंखला, बायोगैस आधारित सीएनजी उत्पादन और बायोगैस आधारित ऊर्जा उत्पादन की स्थापना करेगी। इस अवसर पर वर्षा जोशी, अतिरिक्त सचिव (सीडीडी), डीएएचडी, भारत सरकार और श्री संदीप भारती, एनडीडीबी एमआरआईडीए लिमिटेड के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक उपस्थित थे।

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