National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

सरकार ने प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई

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नई दिल्ली, भारत सरकार ने  प्याज पर आज से स्टॉक लिमिट लगाई गई है। इस सीमा के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक थोक विक्रेता 25 मीट्रिक टन और खुदरा विक्रेता 2 मीट्रिक टन प्याज से ज्यादा स्टॉक नहीं रख पाएंगे। आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 में ये प्रावधान है कि कुछ खास परिस्थितियों में जब कीमतें सामान्य से ज्यादा बढ़ जाएं तो सरकार स्टॉक लिमिट लगा सकती है। पिछले पांच साल की कीमतों से तुलना में प्याज की कीमतों में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है और आवश्यक वस्तु अधिनियम के मुताबिक ये कीमतों में असामान्य बृद्धि को छू गई है .सितंबर माह के दूसरे हफ्ते से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई जिसके चलते इसे काबू करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत थी। कीमतों में आई बढ़ोतरी पर उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग की खास नजर थी जिसने इस पर काबू पाने के लिए तत्कालप्रभाव से कदम उठाए।

प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार प्याज के निर्यात पर गत  14 सितम्बर  को ही प्रतिबंध लगा चुकी है। हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई प्याज उत्पादक जिलों में भारी वर्षा के चलते प्याज की खरीफ फसल के प्रति चिंता बढ़ गई है।

इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने 2020 की रबी फसल से प्याज के बफर स्टॉक को वितरित करने के लिए कमर कस ली है। ये स्टॉक दोगुना हो चुका है। सितंबर के दूसरे हफ्ते से प्याज को देश की बड़ी मंडियों के साथ-साथ खुदरा वितरण केंद्रों जैसे सफल, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, टीएएनएचओडीए एवं टीएएनएफईडी (तमिलनाडु सरकार), और बड़े शहरों में और राज्यों में एनएएफईडी केंद्रों तक तेजी से पहुंचाया जा रहा है। मौजूदा वक्त में असम सरकार और केरल सरकार को खुदरा विक्रय यंत्र में से प्याज की आपूर्ति की जा रही है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप ने भी प्याज की मांग जाहिर की थी जहां इसे पहुंचाया जा रहा है।

एक अनुमान के मुताबिक देश की मंडियों में खरीफ फसल से प्याज की करीब 37 लाख मीट्रिक टन आवक से भी प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी। इसके अलावा देश में प्याज की अतिरिक्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 21.10.2020 को आयात के नियमों में 15 दिसंबर 2020 तक की ढील दी है।

निजी आयातकों में प्याज के आयात को बढ़ावा देने के लिए ये भी तय किया गया है कि एमएमटीसी लाल प्याज का आयात करेगा ताकि आपूर्ति में आ रही कमी को पूरा किया जा सके।

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