राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खरीफ में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति पर ध्यान दें : श्री गौड़ा

खरीफ में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति पर ध्यान दें : श्री गौड़ा

22 जून 2020, नई दिल्ली। खरीफ में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति पर ध्यान दें : श्री गौड़ा – खरीफ बुवाई के दौरान कृषकों को उर्वरकों की पर्याप्त सप्लाई करने के लिए केंद्रीय उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा ने गत दिवस वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उर्वरक उद्योग से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खरीफ का मौसम शुरू हो गया है, और देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने खेती का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम इस साल अच्छे मानसून सीजन की उम्मीद कर सकते हैं।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उर्वरकों की मांग इस साल भी उच्च स्तर पर बनी रह सकती है। पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल, मई और जून के महीनों में यूरिया और पीएंडके खाद- दोनों की डीबीटी बिक्री अधिक रही है।

उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम के दौरान यूरिया की आवश्यकता 170 लाख मीट्रिक टन है, जबकि लगभग 133 लाख टन उत्पादन की सम्भावना है। इस कमी की भरपाई के लिए यूरिया का आयात किया जायेगा। पहले ही दो वैश्विक निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं। इसके अलावा, उर्वरक विभाग, देश भर में किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया का आयात करना जारी रखेगा।
श्री गौड़ा ने यह भी बताया कि देश भर में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है, मुझे इस बात का पूर्ण विश्वास है कि इस वर्ष भी उर्वरकों की कोई कमी नहीं होगी। उद्योग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके अथक प्रयासों से संभव हुआ है।

उर्वरक सब्सिडी के मुद्दे पर श्री गौड़ा ने कहा कि विभाग ने पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी के निर्धारण के लिए अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त करने में शीघ्रता दिखाई। मंजूरी नहीं मिलने से सब्सिडी गणना के बारे में अनिश्चितता बनी रहती और इससे उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। उन्होंने कहा, विभाग द्वारा लंबित सब्सिडी बिलों के भुगतान में देरी के कारण उर्वरक कंपनियों को हुई कठिनाई से हम पूरी तरह से अवगत हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं।

उर्वरक उद्योगों द्वारा सामना की जा रही अन्य प्रमुख चुनौतियों- (क) अपने मूल निवास स्थान पर चले जाने के कारण श्रमिकों की कमी, (ख) कुशल कर्मियों के आयात पर प्रतिबंध और (ग) ईएसएस परियोजनाओं के पुनरुद्धार व निष्पादन के लिए मशीनरी/ उपकरण के आयात पर प्रतिबंध आदि पर भी विचार-विमर्श किया गया।
श्री गौड़ा ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय सभी आवश्यक उपाय करेगा जो उद्योग की सामान्य कठिनाइयों को कम करने के लिए जरूरी हैं।

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