जलवायु परिवर्तन से जूझते किसान: नई तकनीकों से मिलेगी राहत
27 जुलाई 2024, नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन से जूझते किसान: नई तकनीकों से मिलेगी राहत – भारत सरकार का कृषि मंत्रालय जलवायु परिवर्तन से प्रभावित कृषि क्षेत्रों में नई उम्मीदें जगा रहा है। मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने जलवायु अनुकूल कृषि में राष्ट्रीय नवाचार (एनआईसीआरए) नामक एक महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत की है। इस परियोजना का उद्देश्य फसलों, पशुधन, बागवानी और मत्स्यपालन सहित तमाम कृषि क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन करना और जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित करना व बढ़ावा देना है।
आईसीएआर की प्रमुख उपलब्धियां पिछले 10 वर्षों (2014-2024) के दौरान कुल 2593 नई किस्मों की पहचान में दिखाई देती हैं, जिनमें से 2177 किस्में विभिन्न जैविक और अजैविक तनावों के प्रति सहनशील पाई गई हैं। जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) प्रोटोकॉल के अनुसार 651 कृषि प्रधान जिलों में जलवायु परिवर्तन के जोखिम और संवेदनशीलता का आकलन किया गया है। इनमें से 109 जिलों को ‘बहुत अधिक’ और 201 जिलों को ‘अत्यधिक’ संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।
इन 651 जिलों के लिए जिला कृषि आकस्मिकता योजनाएं (डीएसीपी) तैयार की गई हैं, जिनमें सूखा, बाढ़, बेमौसम बारिश और चरम मौसम की घटनाओं जैसे लू, शीत लहर, पाला, ओलावृष्टि तथा चक्रवात आदि के लिए तैयार की गई हैं। इन योजनाओं में राज्य के कृषि विभागों और किसानों के लिए स्थान-विशिष्ट जलवायु अनुकूल फसलों, किस्मों और प्रबंधन पद्धतियों की सिफारिश की गई है।
एनआईसीआरए के तहत “जलवायु लचीले गांवों” (सीआरवी) की अवधारणा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य किसानों की जलवायु परिवर्तन के प्रति लोच और अनुकूलन क्षमता को बढ़ाना है। 151 जलवायु संवेदनशील जिलों में 448 सीआरवी में स्थान-विशिष्ट जलवायु लचीली प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया है।
आईसीएआर ने एनआईसीआरए परियोजना के माध्यम से किसानों के बीच जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाई है। जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर किसानों को शिक्षित करने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाया जा सके। यह तकनीक 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 151 जिलों में 448 सीआरवी में कार्यान्वित की जा रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में इस जानकारी को साझा किया। उन्होंने बताया कि इन पहलों का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रति किसानों को सशक्त बनाना और उन्हें नई तकनीकों से लाभान्वित करना है।
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