National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

इंसाफ पाने के लिए भटक रहे मुनगा के मारे , किसान बेचारे

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8 फरवरी 2021, इंदौर (विशेष प्रतिनिधि ), इंसाफ पाने के लिए भटक रहे मुनगा के मारे , किसान बेचारे एक ओर केंद्र सरकार ने अनुबंध खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि कानून में संशोधन  किया , जिसके विरोध में दिल्ली में आंदोलन जारी है, वहीं दूसरी ओर म.प्र. के बैतूल जिले के करीब 200 किसानों के साथ दो वर्ष पूर्व मुनगे की अनुबंध खेती के लिए एक कम्पनी द्वारा लाखों रुपए की अग्रिम राशि जमा कराने  के बाद की गई धोखाधड़ी और फिर अग्रिम राशि वापस पाने के लिए किसानों की दर -दर भटकने की जद्दोज़हद जारी है l इन पीड़ित किसानों को अब तक न तो अपनी अग्रिम राशि मिली है और न ही धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हुई है l

पूर्व पीठिका : उल्लेखनीय है कि 2018  में उद्यानिकी विभाग बैतूल ने अपने जिले के विभिन्न ब्लॉक के करीब 200 किसानों को मुनगे की खेती से हर साल सवा लाख रुपए की आमदनी होने का प्रलोभन दिया और किसानों के साथ कई बैठकें करके यूवीगो एग्री साल्यूशंस प्रा.लि .नामक कम्पनी के साथ मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए पौधे देने का अनुबंध करवाकर किसानों से  प्रति एकड़ 20 हजार रुपए अग्रिम जमा करवाए  l कतिपय किसानों को डेढ़ फ़ीट के बजाय 6 इंच के दिए गए पौधे जब नहीं पनपे तो अन्य किसानों ने पौधे नहीं लिए l  अनुबंध में किसानों को प्रशिक्षण देने का भी जिक्र था , जो कि नहीं दिया गया l यूवीगो एग्री साल्यूशंस प्रा.लि.कम्पनी के बारे में जानकारी मिली है कि उक्त कम्पनी 2018 में ही  ग्वालियर में पंजीकृत है जिसका कार्यालय इंदौर में स्थित है एवं संचालक मंडल में श्री सौरभ झंवर के अलावा दो अन्य महिलाएं हैं l

पीड़ित किसानों का दर्द  : पीड़ित किसान श्री घनश्याम वामनकर , भरकावाडी ने कृषक जगत को बताया कि जिला प्रशासन ने खूब प्रचार करके किसानों को बरगलाया l किसानों ने सरकारी विभाग पर भरोसा कर अनुबंध किया और  अग्रिम राशि दी l  हमें हमारी राशि ब्याज सहित वापस मिले और जाँच के बाद कम्पनी और अधिकारियों पर कार्रवाई हो l  वहीं भोगीटेढ़ा के किसान श्री रामदयाल गोत्रे ने कहा कि उद्यानिकी विभाग  ने तत्कालीन कलेक्टर से भी मीटिंग करवाई थी , जिसमें सालाना एक लाख से अधिक की आय होने की बात कही थी , जिस पर विश्वास कर किसानों ने मुनगे की खेती का अनुबंध किया l यह तो सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग है lमैंने केसीसी से कर्ज लेकर 20 हजार रु.अग्रिम राशि जमा की थी l सूचना के अधिकार के तहत जनवरी 2019 में आवेदन दिया था , जिसके जवाब में जाँच करने और कोरोना का बहाना बनाकर टाल दिया l  बडोरा के श्री गणेश मालवी ने कहा कि कृषि मंत्री श्री कमल पटेल के यहां आगमन पर की गई शिकायत के बाद विभाग में हरकत हुई और उप संचालक कृषि श्री के.पी.भगत ने सहायक संचालक कृषि श्री दीपक सरियाम को जाँच अधिकारी नियुक्त किया l  जबकि भैंसदेही के किसान शेख नदीम का कहना था कि आमला से भाजपा विधायक श्री योगेश पंडाग्रे को जब पूरे मामले से अवगत कराते हुए दस्तावेज दिखाए तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी हुई है l विधायक ने आश्वस्त किया कि कम्पनी के खिलाफ एफआईआर भी की जाएगी और जो अधिकारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी l उनके इस बयान से किसानों में आशा की किरण जागी है l अब किसान नए कलेक्टर श्री बैस से मिलेंगे और उन्हें पूरा मामला बताएंगे l मुनगा के मारे इन बेचारे किसानों पर ‘एक तो दुबले और दो आषाढ़ ‘ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है l धोखाधड़ी का शिकार होने के बावजूद इन फरियादियों को अब इंसाफ पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है l न्याय की प्रचलित मंथर गति को देखते हुए यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या इन्हें जल्द न्याय मिलेगा ?

 जाँच अधिकारी  श्री दीपक सरियाम सहायक संचालक कृषि , बैतूल ने कृषक जगत को बताया कि उद्यानिकी विभाग से जानकारी प्राप्त नहीं हुई है l उन्हें आज ही पत्र जारी किया जा रहा है l कम्पनी की तरफ से जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है l करीब 25  किसानों के कथन  लिए गए हैं l कम्पनी का जवाब  :  यूवीगो एग्री साल्यूशंस प्रा.लि .के तकनीकी सलाहकार श्री जयेश जायसवाल ने कृषक जगत को बताया कि 11 बिंदुओं में अपना जवाब पेश किया हैl  मात्र 97 किसानों से अनुबंध हुआ है l अधिकांश किसानों को प्रशिक्षण दिया गया l फसल में आमदनी किसान की मेहनत और प्रकृति पर निर्भर करती है l  यह गलत है कि पौधे दो वर्ष (सितंबर 2020 ) तक दिए गए l कुछ किसानों द्वारा पौधे नहीं लेने से कम्पनी को नुकसान हुआ

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