खेत का पानी खेत में और गाँव का पानी गाँव में
धानुका ने विश्व जल दिवस पर दिया संदेश
27 मार्च 2023, नई दिल्ली । खेत का पानी खेत में और गाँव का पानी गाँव में – कृषि रसायनों के उत्पाद में अग्रणी धानुका एग्रीटेक लि. ने विश्व जल दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित कर जल संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया।
धानुका ने विश्व जल दिवस के अवसर पर देशभर में 200 से अधिक स्कूलों में चित्रकला प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया गया। मध्य प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में ‘जल बचाओ’ पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद पुरस्कार दिए गए। छात्र-छात्राओं ने रैलियाँ निकालकर ‘जल बचाओ’ का संदेश दिया।
धानुका समूह के अध्यक्ष श्री आर.जी. अग्रवाल ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाता है और यह संयोग है कि इस वर्ष इसी दिन नव संवत् अर्थात् चैत्र प्रतिपदा की शुरुआत भी हुई।
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जल संरक्षण अभियान
श्री अग्रवाल ने कहा कि साल 2005 से धानुका अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष से ही जल संरक्षण के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है। उस समय धानुका ने ‘खेत का पानी खेत में और गाँव का पानी गाँव में’ इस ध्येय वाक्य के साथ साल भर चलने वाला जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की थी। साल 2014 में लोगों को पानी के महत्व को समझाने के लिये उड़ान कैम्पेन शुरू किया जिसमें कंपनी के ब्रांड एंबेसडर महानायक अमिताभ बच्चन ने ‘हम पानी बना तो नहीं सकते, लेकिन बचा जरूर सकते हैं’, स्लोगन दिया। इस दुनिया में जल के बिना सब सूना है। जल है तो कल है! इस बात को रेखांकित करते हुए यूट्यूब पर एक डॉक्यूमेंट्री भी लॉन्च की थी।
सिंचाई की किफायती तकनीक
समूह अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने बताया कि भारत में 80 प्रतिशत से अधिक पानी का उपयोग खेती में सिंचाई कार्य के लिये किया जाता है। वर्षा जल का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लक्ष्य से धानुका समूह ने पानी बहा कर सिंचाई करने के बजाय ड्रिप और स्प्रिंकलर से सिंचाई की किफायती तकनीक को बढ़ावा दिया है। इजरायल जैसे देश जहाँ 60 प्रतिशत से अधिक भूमि उपजाऊ नहीं है, वहाँ ड्रिप इरिगेशन तकनीक द्वारा उच्च गुणवत्ता और अधिक उपज के साथ सब्जियों और बागवानी फसलों का उत्पादन होता है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि धानुका समूह ने किसानों को मौसम का पूर्वानुमान बताने के लिए मौसम केंद्र और ‘नीरो डिवाइस’ की स्थापना की है। इसकी मदद से वे जरूरत के हिसाब से सिंचाई कर पानी बचाएंगे और साथ ही, फसल की गुणवत्ता, पैदावार तथा मुनाफा बढ़ाएंगे। माननीय प्रधानमंत्री ने भी ‘प्रति बूंद अधिक पैदावार’ का नारा दिया है और हमारी कम्पनी भी उनका यह संदेश सभी के साथ साझा कर रही है।
समूह अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में अधिकतर घरों में वर्षा जल संचय के लिए भूमिगत टैंक हैं। इस संचित पानी का बाद में पूरे वर्ष उपयोग किया जाता है। दुनिया भर में जल संकट की घटनाएं बहुत आम बात है। भारत में भी लातूर के सूखाग्रस्त इलाके के लिए पेयजल की गाडिय़ां भेजनी पड़ी थी। वर्तमान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना द्वारा लंबित पड़ी सिंचाई योजनाओं को पूरा कर उन्हें धरातल पर उतारा। वर्तमान में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन द्वारा घर-घर नल से जल पहुँचाने की सराहनीय नीति बनाई। सरकार के इन प्रयासों से कृषि क्षेत्रों तक सिंचाई की सुविधा और जल जीवन मिशन से पेयजल की उपलब्धता बढ़ेगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि 22 मार्च 2023 को पूरे हर्षोल्लास के साथ नव विक्रम संवत 2080 भी मनाया। उन्होंने बताया कि ब्रह्म पुराण के श्लोक ‘चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेऽहनि। शुक्लपक्षे समग्रेतु तदा सूर्योदये सति’ के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन से संवत्सर की शुरूआत होती है। यह पवित्र दिन पूरे देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
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