राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

अच्छी बारिश से खिल उठी फसलें: प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें स्थिर, उत्पादन में वृद्धि

06 जुलाई 2024, नई दिल्ली: अच्छी बारिश से खिल उठी फसलें: प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें स्थिर, उत्पादन में वृद्धि – इस साल अच्छी और समय पर हुई मानसूनी बारिश ने प्याज, आलू और टमाटर समेत देश की प्रमुख फसलों को बड़ी राहत दी है। कृषि मंत्रालय और राज्य सरकारों के आकलन के मुताबिक खरीफ सीजन में इन फसलों की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ा है।

प्याज की स्थिति: हालांकि रबी-2024 मौसम में प्याज का उत्पादन थोड़ा कम हुआ है, फिर भी घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता संतोषजनक है। प्याज की तीन फसलों में रबी, खरीफ और देर की खरीफ शामिल हैं, जिसमें रबी का उत्पादन कुल उत्पादन का 70% होता है। इस साल खरीफ प्याज का लक्षित क्षेत्र 3.61 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की तुलना में 27% अधिक है। प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक में 1.50 लाख हेक्टेयर के लक्षित क्षेत्र के 30% में बुवाई पूरी हो चुकी है। रबी प्याज की मात्रा बाजार में बढ़ने से प्याज की कीमतें स्थिर हो रही हैं।

आलू की स्थिति: आलू मुख्यतः रबी की फसल है, लेकिन कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मेघालय, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में खरीफ आलू का भी उत्पादन होता है। इस साल खरीफ आलू के रकबे में 12% की वृद्धि का लक्ष्य है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लक्षित बुवाई क्षेत्र लगभग पूरा हो चुका है। इस साल 273.2 लाख टन रबी आलू कोल्ड स्टोरेज में संग्रहित किया गया था, जो खपत की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

टमाटर की स्थिति: खरीफ टमाटर का लक्षित रकबा इस वर्ष 2.72 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। आंध्र प्रदेश के चित्तूर और कर्नाटक के कोलार में टमाटर की फसल की स्थिति काफी अच्छी है और तुड़ाई भी शुरू हो गई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में टमाटर के रकबे में पिछले वर्ष की तुलना में काफी वृद्धि की संभावना है।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements