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राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

चीन का ब्लॉकचेन अनार: हर फल की अब बनेगी डिजिटल पहचान

08 अक्टूबर 2025, हुईली: चीन का ब्लॉकचेन अनार: हर फल की अब बनेगी डिजिटल पहचान – चीन में खेती और फल उत्पादन तेजी से डिजिटल हो रहा है, लेकिन इसकी खबरें अक्सर दुनिया तक नहीं पहुंच पातीं। चीन के अंदर, सरकार और किसान मिलकर खेती को नई तकनीक से जोड़ रहे हैं — जिनमें ब्लॉकचेन, बिग डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)जैसी तकनीकें शामिल हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण है “चीन हुईली अनार मूल्य सूचकांक” (China Huili Pomegranate Price Index), जिसे अब आधिकारिक रूप से शुरू किया गया है।

यह सूचकांक चीन के कृषि और ग्रामीण मामलों के मंत्रालय (MARA) के सूचना केंद्र और सिचुआन प्रांत के हुईली शहर के कृषि विभाग ने मिलकर तैयार किया है। इसका उद्देश्य अनार की कीमतों में पारदर्शिता लाना, किसानों को सही भाव दिलाना और उपभोक्ताओं को भरोसेमंद फल उपलब्ध कराना है।

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हुईली – चीन का अनार उत्पादन केंद्र

सिचुआन प्रांत के लिआंगशान क्षेत्र में स्थित हुईली शहर चीन का प्रमुख अनार उत्पादक क्षेत्र है। यहां लगभग 4 लाख मू (करीब 26,000 हेक्टेयर) क्षेत्र में अनार की खेती होती है और सालाना 7.8 लाख टन से अधिक उत्पादन होता है — जो पूरे चीन के अनार उत्पादन का लगभग 26% है।

इससे किसानों की सालाना आय 4.3 अरब युआन (लगभग ₹4,900 करोड़) से अधिक होती है। अनार की खेती ने न केवल हजारों परिवारों की आजीविका मजबूत की है बल्कि इसने गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण पुनर्जीवन (Rural Revitalization) में अहम भूमिका निभाई है।

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ब्लॉकचेन + अनार: हर फल को मिलेगी डिजिटल आईडी

चीन के कृषि मंत्रालय के सूचना केंद्र के निदेशक वांग श्याओबिंग ने बताया कि यह सिर्फ कीमत का सूचकांक नहीं है, बल्कि एक डिजिटल ट्रेसबिलिटी सिस्टम भी है — जिसका मतलब है कि हर अनार की डिजिटल पहचान (Digital ID) होगी।

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इस प्रणाली को “ब्लॉकचेन + अनार” कहा गया है। इसमें खेत से लेकर मंडी और उपभोक्ता तक हर फल का डेटा रिकॉर्ड किया जाएगा — जैसे कहां उगा, कौन-सी ग्रेड का है, कैसे पैक हुआ और कहां भेजा गया।

यह सारी जानकारी ब्लॉकचेन तकनीक पर दर्ज होती है, जिसे कोई बदल नहीं सकता। इससे बाजार में नकली या गलत लेबल वाले फलों की पहचान आसानी से हो सकेगी और खरीदार को असली हुईली अनार का भरोसा मिलेगा।

वांग ने कहा कि यह “बुद्धिमत्ता का फल (Fruit of Wisdom)” है — जहां पारंपरिक खेती आधुनिक तकनीक से जुड़कर किसानों की आय बढ़ा रही है।

कैसे तय होंगी कीमतें: एक डिजिटल सूचकांक

चीन हुईली अनार मूल्य सूचकांक” में तीन उप-सूचकांक शामिल हैं:

  1. खेत मूल्य सूचकांक – सीधे किसानों के खेतों से मिलने वाली कीमतों का रिकॉर्ड।
  2. मूल क्षेत्र थोक मूल्य सूचकांक – उत्पादन क्षेत्र की मंडियों में कीमत का रुझान।
  3. बिक्री थोक मूल्य सूचकांक – शहरों या बाहरी बाजारों में बिक्री की कीमत।

हर उप-सूचकांक में तीन ग्रेड शामिल हैं — विशेष, प्रथम श्रेणी, और द्वितीय श्रेणी के अनार, जिससे अलग-अलग गुणवत्ता वाले फलों की कीमतों का रीयल-टाइम डेटा मिलता है।

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इससे किसान, सहकारी समितियाँ, व्यापारी और प्रसंस्करण इकाइयाँ सटीक बाजार जानकारी के आधार पर अपना व्यापारिक निर्णय ले सकती हैं। इसे कृषि जगत का “डिजिटल तापमान मीटर” कहा जा सकता है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव की समय पर जानकारी देता है।

चीन की चुपचाप चल रही डिजिटल खेती

चीन के कृषि मंत्रालय का सूचना केंद्र अब तक 20 से अधिक फसलों और उत्पादों के लिए इसी तरह के मूल्य सूचकांक बना चुका है — जिनमें पोर्क, चाय, अंगूर, तरबूज और खट्टे फल शामिल हैं।
इन डिजिटल उपकरणों से सरकार को नीतियाँ बनाने, किसानों को बाजार का अंदाजा लगाने और खरीदारों को भरोसेमंद जानकारी देने में मदद मिल रही है।

वांग श्याओबिंग का कहना है:

“ब्लॉकचेन से जुड़ा यह हुईली अनार सूचकांक किसानों को अधिक आय दिलाने और ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करेगा। यह तकनीक, परंपरा और भरोसे का संगम है।”

भारत के किसानों के लिए सीख

यह उदाहरण दिखाता है कि चीन किस तरह डिजिटल खेती को गांव-गांव तक पहुंचा रहा है। भारत में भी अगर फल और सब्जियों की ट्रेसबिलिटी (traceability) के लिए इसी तरह की ब्लॉकचेन तकनीक अपनाई जाए, तो किसानों को मंडी के भरोसे रहने की बजाय डिजिटल भाव जानकारी मिल सकती है।

इससे फसल का सही मूल्य, ब्रांड पहचान, और नकली उत्पादों पर नियंत्रण संभव हो सकेगा — ठीक वैसे ही जैसे चीन के अनारों को “डिजिटल पासपोर्ट” मिला है।

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