बजट 2025: कृषि क्षेत्र के लिए 15% बढ़ोतरी, छह सालों में सबसे बड़ा इजाफा
24 जनवरी 2025, नई दिल्ली: बजट 2025: कृषि क्षेत्र के लिए 15% बढ़ोतरी, छह सालों में सबसे बड़ा इजाफा – भारत सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन में 15% की वृद्धि करने की योजना बनाई है, जिससे यह लगभग 20 बिलियन डॉलर (लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है। यह पिछले छह वर्षों में सबसे बड़ा इजाफा होगा। इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण आय बढ़ाना और मुद्रास्फीति पर लगाम लगाना है, दो सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, अतिरिक्त राशि उच्च उत्पादकता वाले बीजों के विकास, भंडारण और आपूर्ति ढांचे को मजबूत करने, और दालों, तिलहन, सब्जियों और डेयरी उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने में खर्च की जाएगी।
खाद्य मुद्रास्फीति पर लगाम के प्रयास
भारत, जो चावल, गेहूं और चीनी का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, हाल के वर्षों में उच्च खाद्य कीमतों से जूझ रहा है। अक्टूबर 2024 में यह मुद्रास्फीति 10% से ऊपर पहुंच गई थी, हालांकि अब यह थोड़ा कम हुई है। पिछले दशक में औसत खाद्य मुद्रास्फीति 6% से अधिक रही है।
कीमतों पर नियंत्रण के लिए भारत ने कुछ कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं और दालों के कुछ प्रकारों पर ड्यूटी-फ्री आयात नीति को बढ़ा दिया है।
कृषि बजट में वृद्धि
सूत्रों के मुताबिक, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए आवंटन 2025-26 में 1.52 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। कृषि मंत्रालय का बजट 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ने की संभावना है। इसमें अनुसंधान एवं विकास पर होने वाला खर्च, जो वर्तमान में 9,941 करोड़ रुपये है, बढ़ाया जाएगा।
निर्यात बढ़ाने पर जोर
सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जो 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी, घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ कृषि निर्यात को 2030 तक 80 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रख रही हैं। फिलहाल, यह 50 बिलियन डॉलर है।
कृषि क्षेत्र में भारत की 45% कार्यबल जुड़ी हुई है, और यह देश की 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में लगभग 15% का योगदान देता है।
किसानों के लिए नई योजनाएं
सरकार सब्सिडी वाले कृषि ऋण की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने और फसल बीमा का दायरा बढ़ाने की भी योजना बना रही है। इसके अलावा, 2030 तक दालों का उत्पादन 3 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुंचाने और अगले पांच वर्षों में मछली पालन क्षेत्र में 9 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना है।
सरकार 2027 तक खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों को 10,900 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की योजना बना रही है।
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