राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)पशुपालन (Animal Husbandry)

भारत के पशुधन क्षेत्र के विकास में बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान

केंद्रीय स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की पहली बैठक नई दिल्ली में

07 अगस्त 2024, नई दिल्ली: भारत के पशुधन क्षेत्र के विकास में बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान – पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) के तत्वावधान में केंद्रीय स्तरीय बैंकर समन्वय समिति की पहली बैठक 5 अगस्त को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) की सचिव सुश्री अलका उपाध्याय ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), नाबार्ड, सिडबी, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित ऋणदाता बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

सुश्री अलका उपाध्याय ने आरंभिक संबोधन में भारत के पशुधन क्षेत्र के विकास में बैंकों के अपार योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत, विश्व का अग्रणी दूध उत्पादक देश है। विश्व में तीसरा अंडा और मछली उत्पादक देश और पांचवां सबसे बड़ा मांस और मुर्गी उत्पादक देश है। यह खाद्य असुरक्षा और कुपोषण दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान देता। उन्होंने कहा कि बैंक, ऋण-लिंक्ड योजनाओं को लागू करके भारत को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर करने, निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने और संगठित प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

अपर सचिव (मवेशी एवं डेयरी) सुश्री वर्षा जोशी ने पशुपालन क्षेत्र में ऋण देने  वाली एजेंसियों की भूमिका पर बल दिया।संयुक्त सचिव (एनएलएम) डॉ. ओ.पी. चौधरी ने भारत की अर्थव्यवस्था में पशुधन क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्य पालन ) श्री सागर मेहरा ने मत्स्य पालन की विभिन्न योजनाओं में बैंकों और ऋण देने वाली संस्थाओं की भूमिका पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी।

चर्चा में उपलब्धियां, दिशा-निर्देशों में संशोधन, पोर्टल उपयोग, लंबित मुद्दे और ऋण देने वाली संस्थाओं की भूमिका और अपेक्षित सहायता शामिल थी। छोटे उद्यमियों के लिए वित्त तक सीमित पहुंच, पात्र योजनाओं को मंजूरी देने में देरी, ब्याज छूट दावों और सहायक दस्तावेजों को समय पर जमा न करना आदि  चुनौतियों को दूर करने पर बल दिया गया।

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