पीएम-किसान पोर्टल से जुड़ा एआई चैटबॉट: 90 लाख से ज्यादा सवालों का समाधान
11 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: पीएम-किसान पोर्टल से जुड़ा एआई चैटबॉट: 90 लाख से ज्यादा सवालों का समाधान – पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) के तहत राज्य सरकारों को अनुमोदित वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) के आधार पर अनुदान सहायता दी गई है। इन योजनाओं में परियोजना आधारित बुनियादी ढांचे का विकास और लाभार्थी उन्मुख घटकों का समावेश किया गया है। लाभार्थी आधारित घटकों के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से नकद या वस्तु के रूप में सहायता प्रदान करती हैं। व्यक्तिगत लाभार्थियों का डेटा राज्य स्तर पर संरक्षित किया जाता है।
योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के उपाय
दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के माध्यम से होता है। केंद्र सरकार द्वारा पारदर्शी और समयबद्ध वितरण के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
डीबीटी प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई तकनीकी सुधार किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस), आधार पहचान (यूआईडीएआई) और आयकर विभाग के साथ डेटा का समन्वय प्रमुख हैं। साथ ही, आधार आधारित भुगतान, ई-केवाईसी और भूमि सीडिंग को अनिवार्य बनाया गया है।
इन तकनीकी उपायों के परिणामस्वरूप किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से मिल रहा है। यदि कोई बकाया किश्त हो, तो वह भी किसानों को निर्बाध रूप से प्राप्त होती है। योजना के तहत अब तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया जा चुका है।
शिकायतों का समाधान हुआ आसान
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक समर्पित शिकायत मॉड्यूल “हेल्प डेस्क” लॉन्च किया गया है। यह पीएम-किसान पोर्टल के “किसान कॉर्नर” के तहत उपलब्ध है। किसान अपनी शिकायतें इस मॉड्यूल के जरिए सीधे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों तक भेज सकते हैं।
एआई-आधारित चैटबॉट की सुविधा
किसानों की सहायता के लिए “किसान ई-मित्र” नामक एआई-आधारित चैटबॉट भी पेश किया गया है। यह चैटबॉट 11 भाषाओं में चौबीसों घंटे उपलब्ध है और किसानों के सवालों का त्वरित और सटीक उत्तर प्रदान करता है। यह वेब और मोबाइल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। अब तक 90 लाख से अधिक सवालों के उत्तर इस प्रणाली के माध्यम से दिए जा चुके हैं।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
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