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एग्रोकेमिकल्स उद्योग सस्टैनबलिटी के मूल सिद्धांतों के साथ नए उत्पाद विकसित करे : श्री गौड़ा

14 दिसम्बर 2020, नई दिल्ली। एग्रोकेमिकल्स उद्योग सस्टैनबलिटी के मूल सिद्धांतों के साथ नए उत्पाद विकसित करे : श्री गौड़ाश्री डीवी सदानंद गौड़ा, रसायन और उर्वरक मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि भारतीय एग्रोकेमिकल उद्योग में वैश्विक मानदंडों की तुलना में एग्रोकेमिकल खपत के बहुत कम स्तर के कारण विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ‘2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की दृष्टि को प्राप्त करने में एग्रोकेमिकल्स की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि यह न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है, आजीविका प्रदान करता है, बल्कि उद्योगों और सेवा क्षेत्रों के विकास को भी प्रोत्साहन प्रदान करता है।

भारत सरकार के रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग एवं फिक्की द्वारा गत 1 दिसम्बर को संयुक्त रूप से आयोजित ‘9वें एग्रोकेमिकल्स सम्मेलनÓ के आभासी सत्र को संबोधित करते हुए श्री गौड़ा ने कहा कि अपनी क्षमता के पूर्ण दोहन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि एग्रोकेमिकल्स का उपयोग पर्यावरण के लिए विवेकपूर्ण और टिकाऊ बना रहे। ‘एग्रोकेमिकल्स उद्योग को मुख्य सिद्धांत के रूप में स्थिरता के साथ नई प्रक्रियाओं और उत्पादों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए अकादमिक, सरकार और नियामक निकायों, किसान संघों, निर्माताओं, और किसानों को कीटनाशक के सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक सहयोगी मंच विकसित करने की आवश्यकता है, श्री गौड़ा ने कहा। इस क्षेत्र की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, श्री गौड़ा ने आगे कहा कि कम लागत के निर्माण, तकनीकी रूप से प्रशिक्षित संसाधनों की उपलब्धता, मौसमी घरेलू मांग, बेहतर कीमत और जेनेरिक कीटनाशक निर्माण में मजबूत उपस्थिति प्रमुख कारक हैं, जो एग्रोकेमिकल्स के विकास को गति देते हैं। उद्योग को सहयोग करने के लिए रसायन मंत्रालय सभी आवश्यक पहल करने के लिए तैयार है और एग्रोकेमिकल्स उद्योग को अपनी सही क्षमता का एहसास करने के लिए के लिए आवश्यक निवेश की सुविधा भी उपलब्ध कराने में तत्पर है।

आर एंड डी सर्वोपरि

भारत सरकार के रसायन और पेट्रो केमिकल्स विभाग के सचिव श्री राजेश कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि भारत में कीटनाशकों की औसत खपत कम होने के कारण इस क्षेत्र में वृद्धि की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि आरएंडडी और इनोवेशन हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता में होना चाहिए। भारत के एग्रोकेमिकल्स उद्योग को एक वैश्विक ब्रांड बनाने के लिए तंत्र विकसित करना अनिवार्य है,।

एग्रोकेमिकल्स की बेहतर भूमिका

फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि कृषि योग्य भूमि के सिकुडऩे की वजह से कृषि क्षेत्र में बेहतर पैदावार के लिए उर्वरक की मांग बढ़ेगी और बेहतर गुणवत्ता के साथ फसलों का उत्पादन अधिक होगा। उन्होंने कहा, ‘मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एग्रोकेमिकल बाजार का असली उत्प्रेरक है। श्री सलिल सिंघल, अध्यक्ष एमेरिटस, पीआई इंडस्ट्रीज लिमिटेड; श्री सियांग ही टैन, ईडी, क्रॉप लाइफ एशिया; श्री सागर कौशिक, सीओओ, यूपीएल लिमिटेड ने भी 2025 तक $5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में एग्रोकेमिकल्स की भूमिका पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

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