कृषि विभाग के अफसरों को खेतों में जाना पड़ेगा: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
25 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: कृषि विभाग के अफसरों को खेतों में जाना पड़ेगा: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को नई दिल्ली के पूसा मेला ग्राउंड में पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रमुख फसलों के लाइव प्रदर्शन देखे और वैज्ञानिकों व किसानों से बातचीत की। उन्होंने नई फसल किस्मों की उपज क्षमता और खेती से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने अपनी कृषि पृष्ठभूमि को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मंत्री होने के बावजूद वे खुद एक किसान हैं। उन्होंने बताया कि वे गेहूं और धान की खेती करते हैं और व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद महीने में कम से कम दो बार अपने खेत अवश्य जाते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि वे खुद खेत में नहीं जाएंगे, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों को भी किसानों के खेतों में जाकर उनकी समस्याओं को हल करना चाहिए, न कि सिर्फ कार्यालय में बैठकर नीतियां बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसे मंत्री नहीं हैं जो सिर्फ कृषि भवन में बैठकर नीतिगत कार्य करें, बल्कि वे किसानों से खेतों में मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) को उनकी शोध उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने नई फसल किस्मों को बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने सरकार की छह सूत्रीय रणनीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्पादन बढ़ाना प्राथमिकता है, जिसके लिए अच्छे बीज आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों तक ब्रीडर बीज और फाउंडेशन बीज पहुंचाने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनानी होगी।
उन्होंने लागत घटाने, एमएसपी बढ़ाने, प्राकृतिक आपदाओं में किसानों की सहायता करने और किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख से पांच लाख रुपये करने जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागलपुर में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खातों में धनराशि भेजेंगे।
श्री चौहान ने यह भी कहा कि किसान संगठनों से लगातार संवाद किया जा रहा है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में हाल के सुधारों की चर्चा करते हुए बताया कि सरकार ने किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य दिलाने हेतु कई योजनाएं बनाई हैं। अंत में, उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने सुझाव साझा करें ताकि कृषि क्षेत्र को और मजबूत किया जा सके।
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