कृषि गतिविधियों को सैटेलाइट से मॉनीटर करेगा कृषि मैपर एप
राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-खरीफ अभियान 2023
- (नई दिल्ली कार्यालय)
10 मई 2023, नई दिल्ली । कृषि गतिविधियों को सैटेलाइट से मॉनीटर करेगा कृषि मैपर एप – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भविष्य की जरूरतों व चुनौतियों को देखते हुए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र में तकनीक को समर्थन मिले। जैसे-जैसे टेक्नालॉजी बढ़ेगी, खेती में काम करना आसान होगा, मेहनत कम होगी व ज्यादा मुनाफे की स्थिति बन सकेगी। श्री तोमर ने यह बात खरीफ अभियान-2023 के लिए पूसा, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में कही।
इस मौके पर श्री तोमर ने कृषि मैपर एप लांच किया। इससे कृषि क्षेत्र की गतिविधियों को सैटेलाइट के जरिये मॉनीटर किया जा सकेगा, भूमि के किस हिस्से में, कौन-सी खेती की जा रही है, इसकी जानकारी मिलेगी। एकत्रित डाटा के माध्यम से किसानों को जरूरी सलाह दी जा सकेगी। कृषि मैपर प्रयासों के दोहराव कम करेगा, देश में नवप्रवर्तकों को विश्लेषण के लिए तैयार डाटा उत्पाद प्रदान करेगा। क्रेडिट तक पहुंच में आसानी एवं लगभग रीयल-टाइम मूल्यांकन और दावों के प्रसंस्करण की सुविधा भी प्रदान करेगा।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि राज्यों का विषय है, वहीं केंद्र सरकार फंड का इंतजाम कर सकती है, योजनाएं बना सकती है और बनी योजनाओं को लेकर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी फर्टिलाइजर में जा रही है, इस पर विचार करने की जरूरत है। अगर यह सब्सिडी बचेगी तो कृषि सहित अन्य क्षेत्रों के विकास में यह पैसा काम आएगा। वर्तमान में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी भी आ गया है। श्री तोमर ने कहा कि अब कृषि का डाटा तैयार करने की दिशा में भी कदम बढ़ाते हुए भारत सरकार डिजिटल एग्री मिशन पर काम कर रही हैं, एग्रीस्टेक बनाया जा रहा है, ताकि राज्य और केंद्र सरकार एग्रीस्टेक के माध्यम से हर खेत को अपनी नजर से देख सकें। कौन-से खेत में, कौन-सी फसल हो रही है, कहां ज्यादा है-कहां कम। कहां बर्बादी है, कहां फायदा है, इसका अवलोकन कर सकेंगे। इसके आधार पर किसानों को सलाह दी जा सकेगी कि इस बार किस हिस्से में खेती करना है, कहां नहीं। दूसरा फायदा यह होगा कि अगर किसानों का नुकसान होगा तो एग्रीस्टेक का इस्तेमाल करके प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से नुकसान का आंकलन कर क्लेमराशि शीघ्र उसके खाते में पहुंच जाएगी।
सचिव (उर्वरक) श्री अरूण बरोका ने कहा कि खरीफ सीजन के लिए देश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। कृषि मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा ने केंद्र की योजनाओं के सुचारू संचालन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सहयोग का आग्रह किया। डेयर के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक श्री हिमांशु पाठक ने जलवायु अनुकूल किस्मों का अधिकाधिक लाभ किसानों तक पहुंचाने का आग्रह किया।
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