10 साल में तीन गुना बढ़ा कृषि कर्ज, जानिए कैसे किसानों को हो रहा फायदा
01 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: 10 साल में तीन गुना बढ़ा कृषि कर्ज, जानिए कैसे किसानों को हो रहा फायदा – भारत में किसानों को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कृषि ऋण वितरण में लगातार वृद्धि हो रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक ज़मीनी स्तर पर ₹19.28 लाख करोड़ का कृषि ऋण वितरित किया जा चुका है, जो इस वर्ष के लिए निर्धारित ₹27.5 लाख करोड़ के लक्ष्य का 70% है।
पिछले एक दशक में कृषि ऋण में तीन गुना वृद्धि
पिछले दस वर्षों में कृषि ऋण वितरण में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2014-15 में कृषि क्षेत्र के लिए ₹8 लाख करोड़ का ऋण वितरण लक्ष्य था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹25.48 लाख करोड़ हो गया। इस साल इसे बढ़ाकर ₹27.5 लाख करोड़ कर दिया गया है। सरकार की नीतियों और ऋण योजनाओं के कारण कृषि क्षेत्र में संस्थागत ऋण की पहुंच तेजी से बढ़ी है।
कृषि के साथ-साथ सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने FY 2024-25 में ₹4.20 लाख करोड़ का उप-लक्ष्य रखा है। यह राशि डेयरी, पोल्ट्री, बकरी पालन, मत्स्य पालन और अन्य पशुपालन गतिविधियों के लिए निर्धारित की गई है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे किसानों को अपनी आय के वैकल्पिक स्रोत विकसित करने में मदद मिलेगी।
सरकार हर साल कृषि ऋण के लिए लक्ष्य तय करती है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलती है। यह ऋण राष्ट्रीयकृत बैंक, सहकारी बैंक और ग्रामीण वित्तीय संस्थानों के माध्यम से वितरित किए जाते हैं। इसके तहत किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे उन्हें महंगे निजी कर्ज से बचने में मदद मिलती है।
आगे की चुनौतियां और सुधार की जरूरत
हालांकि कृषि ऋण वितरण में वृद्धि हो रही है, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक इसकी प्रभावी पहुंच अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को सही समय पर और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ऋण मिले, यह सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि वे इस ऋण का सही उपयोग करें और अनावश्यक ऋणग्रस्तता से बचें।
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