राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि आय स्लैब का प्रस्ताव: संसदीय पैनल ने उच्च आय वाले मामलों में कृषि और गैर-कृषि आय में अंतर करने का सुझाव दिया

02 मार्च 2024, नई दिल्ली: कृषि आय स्लैब का प्रस्ताव: संसदीय पैनल ने उच्च आय वाले मामलों में कृषि और गैर-कृषि आय में अंतर करने का सुझाव दिया – संसदीय पैनल की एक हालिया रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय से कृषि आय के विभिन्न स्लैबों के लिए अलग-अलग टैक्स कोड के कार्यान्वयन का पता लगाने का आग्रह किया गया है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य टैक्स उद्देश्यों के लिए केवल कृषि से आमदनी  वाले किसानों और खेती व  गैर-कृषि दोनों से आय प्राप्त करने वाले किसानों का वर्गीकरण  करना है।

पैनल विशेष रूप से केवल कृषि आय वाले किसानों जिनकी कमाई तय सीमा से नीचे आती है ,के लिए एक अलग टैक्स कोड बनाने  की आवश्यकता पर जोर देता है । लोक लेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट के अनुसार , ऐसा कोड स्पष्ट वर्ग बनाएगा , जिससे कृषि गतिविधियों के माध्यम से टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के संभावित मामलों की पहचान की जा सकेगी।

Advertisement
Advertisement

कृषकों में लगभग 140 मिलियन परिवार शामिल हैं, जिसमें  छोटे और सीमांत किसानों से लेकर कॉर्पोरेट संस्थाओं तक की गनती होती । इनमें से लगभग 80% किसान लघु और सीमांत श्रेणी के हैं।

प्रस्तावित कर कोड केवल कृषि स्रोतों से होने वाली आय से जुड़े मामलों को अन्य मामलों से अलग करने में मदद करेगा, जिससे स्क्रूटिनी और टार्गेटतय करने में आसानी होगी । आकलन वर्ष 2020-2021 में, वित्त मंत्रालय ने पैनल को सूचित किया कि अपने रिटर्न में कृषि आय की रिपोर्ट करने वाले 2.1 करोड़ व्यक्तियों में से, लगभग 59,707 ने ₹10 लाख से अधिक की आय घोषित की। मंत्रालय ने सत्यापन के लिए 3,379 मामले उठाए, जिनमें 10 लाख रुपये से कम कृषि आय वाले मामले भी शामिल थे।

Advertisement8
Advertisement

पैनल का सुझाव है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को उच्च कृषि आय की रिपोर्ट करने वाले व्यक्तियों विशेष रूप से ₹10 लाख से ऊपर के तीन आय स्लैब में आने वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए । मंत्रालय को कृषि आय के आधार पर मामलों को वर्गीकृत करने के लिए एक सिस्टम लागू करने पर विचार करना चाहिएl इसमें कंप्यूटर-आधारित स्क्रूटिनी द्वारा  ₹10 लाख, ₹ 50 लाख और ₹ 1 करोड़ से ऊपर के स्लैब के भीतर आने वाले उच्च जोखिम वाले मामलों को लक्षित करना चाहिए।

Advertisement8
Advertisement

इस तरह के उपाय से न केवल मंत्रालय के पास उपलब्ध सीमित संसाधनों को देखते हुए विभिन्न प्रकार के कृषकों की जांच की सुविधा होगी, बल्कि संभावित राजस्व लीकेज  को रोकने में भी मदद मिलेगी, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है।

छूट के लिए दावा की गई कृषि आय की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए, रिपोर्ट आयकर विभाग  को मानकीकृत सञ्चालन प्रक्रिया (एसओपी ) बनाने की सिफारिश करती है।

कृषि आय स्लैब के लिए विभिन्न टैक्स  कोड से अधिक पारदर्शिता, प्रभावी जांच और राजस्व संग्रह में सुधार होगा। यह सरकार को छोटे और सीमांत किसानों को लक्षित सहायता प्रदान करते हुए कर अनुपालन को बेहतर ढंग से लागू  करने में मदद करेगा।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement