11 साल में मछली उत्पादन में 104% की बढ़ोतरी: जानिए भारत की नीली अर्थव्यवस्था ने कैसे पकड़ी रफ्तार?
12 जुलाई 2025, नई दिल्ली: 11 साल में मछली उत्पादन में 104% की बढ़ोतरी: जानिए भारत की नीली अर्थव्यवस्था ने कैसे पकड़ी रफ्तार? – भारत में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस हर साल 10 जुलाई को उन मछलीपालकों और मछुआरों के सम्मान में मनाया जाता है, जिनका योगदान देश की खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार और नीली अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बेहद अहम रहा है। इस दिन को भारतीय मत्स्यपालन क्षेत्र में प्रो. डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. के.एच. अलीकुन्ही की ऐतिहासिक उपलब्धि 1957 में “हाइपोफिसेशन तकनीक द्वारा मछली प्रजनन” की याद में मनाया जाता है, जिससे भारत में अंतर्देशीय जलीय कृषि की क्रांति की शुरुआत हुई थी।
मछलीपालन बना रोजगार और पोषण का मजबूत आधार
आज मत्स्यपालन सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि मछली आधारित प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने, ग्रामीण क्षेत्र में लाखों लोगों की आजीविका देने और सतत जलीय कृषि को बढ़ावा देने का अहम जरिया बन गया है। यह दिन मछलीपालकों की मेहनत को पहचानने, टिकाऊ प्रथाओं पर विचार करने और आधुनिक तकनीकों को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
11 साल में मछली उत्पादन दोगुने से अधिक
पीआईबी के अनुसार, वित्त वर्ष 2013-14 में भारत का कुल मछली उत्पादन 95.79 लाख टन था, जो 2024-25 में बढ़कर 195 लाख टन पहुंच गया है। यह 11 वर्षों में 104% की वृद्धि है। सिर्फ अंतर्देशीय मत्स्यपालन और जलीय कृषि में 140% का इज़ाफा दर्ज किया गया है। यह भारत की जल संपदा और योजनाओं की सफलता को दर्शाता है।
झींगा उत्पादन में 270% की उछाल, निर्यात 60,500 करोड़ के पार
भारत आज झींगा निर्यात में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बन चुका है। पिछले दशक में झींगा उत्पादन में 270% की बढ़ोतरी हुई है। समुद्री खाद्य निर्यात 60,500 करोड़ रुपये को पार कर गया है। इससे देशभर में लाखों नए रोजगार भी सृजित हुए हैं और मत्स्य समुदाय को आर्थिक मजबूती मिली है।
नीली क्रांति को मिली रफ्तार
2015 से अब तक भारत सरकार ने मत्स्य क्षेत्र में 38,572 करोड़ रुपये का संचयी निवेश किया है। इस निवेश ने मत्स्य क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों, प्रशिक्षण, स्टार्टअप्स और गुणवत्ता नियंत्रण के जरिए नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भुवनेश्वर में होगा राष्ट्रीय आयोजन, नई घोषणाओं की तैयारी
10 जुलाई 2025 को भुवनेश्वर स्थित आईसीएआर केंद्रीय मीठाजल जीवनपालन अनुसंधान संस्थान में राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस मनाया जाएगा। इसमें केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, प्रो. एसपी सिंह बघेल, श्री जॉर्ज कुरियन और ओडिशा के मंत्री श्री गोकुलानंद मलिक भाग लेंगे। इस दौरान नई मत्स्य क्लस्टर परियोजनाओं, आईसीएआर प्रशिक्षण कैलेंडर, और बीज प्रमाणीकरण व हैचरी संचालन दिशानिर्देशों का शुभारंभ होगा।
इस दौरान पारंपरिक मछुआरों, एफएफपीओ, सहकारी समितियों और स्टार्टअप्स को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) से जुड़ी परियोजनाओं की वर्चुअल आधारशिला रखी जाएगी और कुछ का उद्घाटन भी किया जाएगा।
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