वूक्सल मैक्रोमिक्स का गेहूं फसल के हीट स्ट्रेस पर परीक्षण
1 जून 2022, इंदौर । वूक्सल मैक्रोमिक्स का गेहूं फसल के हीट स्ट्रेस पर परीक्षण – स्वाल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की फसल पर हीट स्ट्रेस के लिए अपने उत्पाद वूक्सल मैक्रोमिक्स का परीक्षण किया गया । जिसके फलस्वरूप अनुपचारित भूखंडों की तुलना में उपचारित भूखंडों में गेहूं की उपज में 10 %से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
उल्लेखनीय है कि हीट स्ट्रेस के कारण जब पंजाब में गेहूं की पैदावार 2010 में 26 फीसदी तक गिर गई, तो इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए स्वाल कॉर्पाेरेशन ने वूक्सल मैक्रोमिक्स के परीक्षण किए। वूक्सल मैक्रोमिक्स का 131 किसानों के 3126 के कुल रकबे पर गेहूं का परीक्षण किया गया , जिससे औसतन 2.16 क्विंटल प्रति एकड़ की वृद्धि से किसानों की आय में औसतन रु. 3,000/ एकड़ की वृद्धि हुई। मुक्तसर जिले के गेहूं उत्पादक किसान श्री हरप्रीत सिंह ने कहा,वूक्सल के साथ स्वाल की टीम ने हमें स्ट्रेस का मैनेजमेंट करने और प्रति एकड़ 2.4 क्विंटल की उच्च उपज प्राप्त करने में मदद की, जिससे फसल से हमारे रिटर्न में भी वृद्धि हुई।
स्वाल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बिजनेस हेड श्री पंकज जोशी ने कहा, हमने वूक्सल के प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए परीक्षण किए हैं, जो हीट स्ट्रेस से प्रेरित जरूरतों को मैनेज करने में सहायता करता है, जिससे उपचारित गेहूं की फसल की उपज में वृद्धि होती है। वहीं स्वाल कॉर्पोरेशन से जुड़ी जर्मन कंपनी एग्लुकोन के डॉ. बेंजामिन क्लुग ने भारत की गर्मी और भविष्य में गेहूं में हीट स्ट्रेस से खाद्य आपूर्ति कम होने की आशंका ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि वूक्सल जैसे फॉयलर फर्टिलाइजेशन सॉल्यूशंस इन स्थितियों को कम करने और फसल में उपज में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
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