मध्य प्रदेश पहुंची सिंजेंटा इंडिया की ड्रोन यात्रा, जल्द ही ग्रोअर्स ऐप लॉन्च होगा
8 अगस्त 2022, हरदा । मध्य प्रदेश पहुंची सिंजेंटा इंडिया की ड्रोन यात्रा, जल्द ही ग्रोअर्स ऐप लॉन्च होगा – अग्रणी कृषि कंपनियों में से एक सिंजेंटा इंडिया लि. द्वारा गत दिनों हरदा के 300 से अधिक किसानों को सोयाबीन के खेत पर ड्रोन से छिडक़ाव का प्रदर्शन दिया गया। खिरकिया के बरांगा में आयोजित सिंजेंटा इंडिया के ड्रोन यात्रा समारोह में मध्य प्रदेश के कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री कमल पटेल मुख्य अतिथि थे। ड्रोन प्रदर्शन के दौरान श्री दुर्गा दास उइके, सांसद, श्री संजय शाह, विधायक, श्री गजेन्द्र शाह, अध्यक्ष, जिला पंचायत, हरदा के अलावा सिंजेंटा कम्पनी की ओर से डॉ. नमित तिवारी, मंडल प्रबंधक, केंद्रीय- फसल संरक्षण; श्री पंकज चुग, डिविजनल मार्केटिंग लीड-सेंट्रल; श्री मिलिंद बेडेकर, तकनीकी सहायता प्रमुख; श्री गजराज राठौड़, व्यवसाय प्रबंधक, निमाड़; श्री सौतभ त्रिवेदी, एफसीई टीम और श्री केएस नारायणन उपस्थित थे।
श्री पटेल ने कहा कि सरकार कृषि में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर खेती की पैदावार बढ़ाएगी। सरकार ड्रोन से उर्वरक के छिडक़ाव से लेकर विकास और कल्याणकारी परियोजनाओं की निगरानी भी करेगी। श्री पटेल ने कहा कि तकनीक आधारित कृषि समय की मांग है।
उल्लेखनीय है कि सिंजेंटा इंडिया ने गत 15 जुलाई को अपने मुख्यालय पुणे से ड्रोन यात्रा को रवाना किया था। इस यात्रा में 10 हजार किसानों के बीच ड्रोन से छिडक़ाव के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी। सिंजेंटा उन कुछ निजी कंपनियों में शामिल हंै, जिन्हें ड्रोन के इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार ने अनुमति दी हुई है। सिंजेंटा इंडिया के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर डॉ. के.सी. रवि ने कहा ड्रोन जैसी तकनीक से पैदावार बढ़ेगी और किसानों को काफी लाभ होगा। डॉ. रवि ने कहा कि हम नई तकनीकों के माध्यम से पर्यावरण में नित्य हो रहे बदलाव के बीच किसानों को पैदावार बढ़ाने में सक्षम बनाएंगे। सिंजेंटा में हम खेती में मशीन-लर्निंग एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए आरएंड डी के लिए 1.4 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष खर्च कर रहे हैं। 2023 तक भारत सहित चुनिंदा देशों में पहली सेंसर-नेटवर्क पायलट परियोजनाओं को लागू किया जाएगा।
उन्होंने खुलासा किया कि कंपनी जल्द ही एक ग्रोअर्स ऐप लॉन्च करेगी, जो कई भाषाओं में कपास, गेहूं, सब्जियां, चावल और मक्का सहित नौ फसलों के लिए डिजिटल एग्रोनॉमी सलाह देगी। यह एक अनूठा ऐप है जो छोटे किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाता है। इसमें किसान की बुवाई की तारीख, रोपण विधि, रोपण सामग्री और मिट्टी के पोषण की स्थिति के आधार पर एक व्यक्तिगत फसल कैलेंडर शामिल होगा।