कम्पनी समाचार (Industry News)

अच्छे मानसून ने बढ़ाई ट्रैक्टरों की बिक्री 8 लाख से अधिक ट्रैक्टर बिके

12 अप्रैल 2023, नई दिल्ली । अच्छे मानसून ने बढ़ाई ट्रैक्टरों की बिक्री 8 लाख से अधिक ट्रैक्टर बिके – गत वर्ष मानसून की अच्छी बारिश ने देश के ट्रैक्टर बाजार पर अनुकूल प्रभाव डाला है। कोरोना काल के बाद बाजार के प्रति ग्राहकों के सकारात्मक रुझान को अच्छे मानसून से और अधिक बल मिला है। वित्त वर्ष 2022-23 ट्रैक्टर कंपनियों के लिए काफी अच्छा रहा। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में देशभर में कुल 8,27,403 ट्रैक्टर की बिक्री हुई ।

अब तक की सर्वाधिक ट्रैक्टर बिक्री

ट्रैक्टर उद्योग ने वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक के सर्वाधिक 8,27,403 ट्रैक्टर विक्रय किये हैं, इसके पूर्व वित्त वर्ष 2021 में यह आंकड़ा 7.82 लाख था। ट्रैक्टर बिक्री की यह वृद्धि दर अगर कायम रहती है तो अगले 2-3 साल में भारत ट्रैक्टर बिक्री में 10 लाख के आंकड़े को पार कर सकता है।

Advertisement
Advertisement
कंपनियों का कैसा रहा प्रदर्शन?

वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में 8 फीसदी ज्यादा ट्रैक्टरों की बिक्री हुई हैं। फाडा की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान देशभर में कुल 8,27,403 टैक्टरों की बिक्री हुई। जबकि साल 2021-22 में देशभर में कुल 7,66,545 ट्रैक्टरों की बिक्री हुई थी।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में  महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कुल 1,45,916 ट्रैक्टर बेचे थे और ट्रैक्टर बाजार में 19.04 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कुल 1,76,736 ट्रैक्टर बेचे हैं और ट्रैक्टर बाजार में 21.36 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की हैं। महिंद्रा के स्वराज डिवीजन ने पिछले वर्ष कि तुलना में 23त्न की वृद्धि के साथ कुल 1,28,698 ट्रैक्टर बेचें हैं और ट्रैक्टर बाजार में 15.55त्न की हिस्सेदारी है। इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 97,743 ट्रैक्टर बेचे हैं। टैफे ने कुल 92,546 ट्रैक्टर बेचे और एस्कॉर्ट्स लि. कंपनी ने कुल 79,531 ट्रैक्टर बेचे हैं।

Advertisement8
Advertisement

Arvind-Kumar

Advertisement8
Advertisement

ट्रैक्टर उद्योग में शीर्ष पदों पर रहे श्री अरविन्द कुमार के अनुसार गत वर्ष कृषि के लिए अनुकूल मानसून से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हुई और किसानों को उनकी उपज के मंडियों में अच्छे दाम मिले। इसके साथ ही कृषि श्रमिकों की बढती लागत और उनकी अनुपलब्धता ने ट्रैक्टर बाज़ार को गति दी है। खेतों में घटता पशुधन और सरकारी योजनाओं में ट्रैक्टर पर अनुदान इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। श्री अरविन्द कुमार के अनुसार- खेती की बढ़ती लागत के कारण किसान अब ट्रैक्टर को अतिरिक्त कमाई के साधन के रूप में भी अपना रहा है और ट्रैक्टर को किराये पर चला कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहा है।

महत्वपूर्ण खबर: जीआई टैग मिलने से चिन्नौर धान किसानों को मिल रहा है अधिक दाम

Advertisements
Advertisement5
Advertisement