महावीरा जिरोन पावर प्लस से पाएं आलू की बेहतर पैदावार
28 अक्टूबर 2024, इंदौर: महावीरा जिरोन पावर प्लस से पाएं आलू की बेहतर पैदावार – देश की प्रतिष्ठित कम्पनी आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा लि का उत्पाद महावीरा जिरोन पावर प्लस एक ऐसा उत्पाद है, जिसमें 6 पोषक तत्वों का मिश्रण होने से यह न केवल आलू की बेहतर पैदावार देता है, बल्कि आलू की गुणवत्ता और उसके आकार में भी वृद्धि करता है। जिन किसानों ने आलू की फसल में इसका इस्तेमाल किया है, उन्हें इसके चमत्कारिक परिणाम मिले हैं ।
उल्लेखनीय है कि आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसका आलू की सब्जी के अलावा प्रायः अन्य सब्जियों टमाटर, बैंगन, गोभी आदि के साथ मिलाकर भी उपयोग किया जाता है। यूँ तो मध्य प्रदेश के हर जिले में आलू की फसल ली जाती है,लेकिन मालवा क्षेत्र में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहाँ के उन्नत किसान नई तकनीक से आलू का अच्छा उत्पादन प्राप्त करते हैं। आलू की बुवाई 15 अक्टूबर से 20 नवंबर तक कर दी जानी चाहिए। खेत में जल की उचित जल निकासी और उचित तापमान (15 से 21 डिग्री सेल्सियस ) होना आवश्यक है। उचित पोषक तत्व प्रबंधन से आलू की बेहतर पैदावार ली जा सकती है।
महावीरा जिरोन पावर प्लस : सर्वश्रेष्ठ उर्वरक – कम्पनी के हेड एग्रोनॉमिस्ट श्री प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा लि का उत्पाद महावीरा जिरोन पावर प्लस सिंगल सुपर फास्फेट आलू की फसल के लिए सर्वश्रेष्ठ उर्वरक है। यह 6 पोषक तत्वों कैल्शियम, फास्फोरस, सल्फर, बोरान ,मैग्नीशियम और ज़िंक का मिश्रण है, जिसमें 16 % फास्फोरस ,19 % कैल्शियम, 11 % सल्फर, 0.5 % मैग्नीशियम और 0.5 % ज़िंक के अलावा 0.20 % बोरान होता है। इसके इस्तेमाल से प्रति एकड़ 120 से 145 क्विंटल तक आलू का उत्पादन लिया जा सकता है। महावीरा जिरोन पावर प्लस के प्रयोग से आलू का आकार और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है। इससे किसान को आलू की बेहतर पैदावार मिलती है। बड़े और चमकदार आलू का किसानों को दाम भी बढ़िया मिलता है।
6 पोषक तत्वों की कार्यप्रणाली: महावीरा जिरोन पावर प्लस में मौजूद 6 पोषक तत्वों कैल्शियम , फास्फोरस, सल्फर, बोरान ,मैग्नीशियम और ज़िंक की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए श्री पांडेय ने बताया कि फास्फोरस जड़ों का अधिक विकास करता है , जिससे आलू के कंद अधिक संख्या में बनते हैं। कैल्शियम जड़ों के विकास में मदद करने के अलावा आलू की भंडारण क्षमता भी बढ़ाता है। जबकि सल्फर आलू की फसल में नाइट्रोजन की क्षमता बढ़ाता है। जिससे आलू के कंद अधिक संख्या में बनते हैं। ज़िंक से फसल में रोग नियंत्रण होता है। जबकि बोरान रासायनिक प्रक्रिया में मदद कर आलू में फटने की समस्या को रोकता है। छठे पोषक तत्व के रूप में शामिल मैग्नीशियम भी आलू की फसल के लिए बहुत उपयोगी होता है।
आलू की फसल में पोषक तत्व प्रबंधन (अनुशंसित उर्वरक की मात्रा KG 48 :40 :40 ) – बुवाई के समय महावीरा जिरोन पावर प्लस 250 किलो, एमओपी 66 किलो और यूरिया 35 किलो और सिमट्रॉन 4 किलो का इस्तेमाल करना चाहिए। फिर 25 -30 दिन के बाद 35 किलो यूरिया और 25 किलो मैग्नीशियम सल्फेट का प्रयोग करना चाहिए। 50 -55 दिन के बाद यूरिया 35 किलो, एमिट्रोन जेड 250 मि .ली., बेलेको 200 मि. ली. और बोरट्री 200 ग्राम का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा जल घुलनशील उर्वरक 4 -5 ग्राम / लीटर पानी में 25 -30 दिन की अवधि में 19 :19 :19 , 45 -50 दिन की अवधि में 12 :61 :00 का , 50 -55 दिन की अवधि में CN +B +00 :52 :34 तथा 80 -85 दिन की अवधि में 13 :00 :45 / 00 : 00 : 50 का छिड़काव अवश्य करें। इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं।
देश की प्रतिष्ठित कम्पनी आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा लि का उत्पाद महावीरा जिरोन पावर प्लस एक ऐसा उत्पाद है, जिसमें 6 पोषक तत्वों का मिश्रण होने से यह न केवल आलू की बेहतर पैदावार देता है, बल्कि आलू की गुणवत्ता और उसके आकार में भी वृद्धि करता है। जिन किसानों ने आलू की फसल में इसका इस्तेमाल किया है, उन्हें इसके चमत्कारिक परिणाम मिले हैं ।
उल्लेखनीय है कि आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसका आलू की सब्जी के अलावा प्रायः अन्य सब्जियों टमाटर, बैंगन, गोभी आदि के साथ मिलाकर भी उपयोग किया जाता है। यूँ तो मध्य प्रदेश के हर जिले में आलू की फसल ली जाती है,लेकिन मालवा क्षेत्र में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहाँ के उन्नत किसान नई तकनीक से आलू का अच्छा उत्पादन प्राप्त करते हैं। आलू की बुवाई 15 अक्टूबर से 20 नवंबर तक कर दी जानी चाहिए। खेत में जल की उचित जल निकासी और उचित तापमान (15 से 21 डिग्री सेल्सियस ) होना आवश्यक है। उचित पोषक तत्व प्रबंधन से आलू की बेहतर पैदावार ली जा सकती है।
महावीरा जिरोन पावर प्लस : सर्वश्रेष्ठ उर्वरक – कम्पनी के हेड एग्रोनॉमिस्ट श्री प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि आर एम फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा लि का उत्पाद महावीरा जिरोन पावर प्लस सिंगल सुपर फास्फेट आलू की फसल के लिए सर्वश्रेष्ठ उर्वरक है। यह 6 पोषक तत्वों कैल्शियम, फास्फोरस, सल्फर, बोरान ,मैग्नीशियम और ज़िंक का मिश्रण है, जिसमें 16 % फास्फोरस ,19 % कैल्शियम, 11 % सल्फर, 0.5 % मैग्नीशियम और 0.5 % ज़िंक के अलावा 0.20 % बोरान होता है। इसके इस्तेमाल से प्रति एकड़ 120 से 145 क्विंटल तक आलू का उत्पादन लिया जा सकता है। महावीरा जिरोन पावर प्लस के प्रयोग से आलू का आकार और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है। इससे किसान को आलू की बेहतर पैदावार मिलती है। बड़े और चमकदार आलू का किसानों को दाम भी बढ़िया मिलता है।
6 पोषक तत्वों की कार्यप्रणाली: महावीरा जिरोन पावर प्लस में मौजूद 6 पोषक तत्वों कैल्शियम , फास्फोरस, सल्फर, बोरान ,मैग्नीशियम और ज़िंक की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए श्री पांडेय ने बताया कि फास्फोरस जड़ों का अधिक विकास करता है , जिससे आलू के कंद अधिक संख्या में बनते हैं। कैल्शियम जड़ों के विकास में मदद करने के अलावा आलू की भंडारण क्षमता भी बढ़ाता है। जबकि सल्फर आलू की फसल में नाइट्रोजन की क्षमता बढ़ाता है। जिससे आलू के कंद अधिक संख्या में बनते हैं। ज़िंक से फसल में रोग नियंत्रण होता है। जबकि बोरान रासायनिक प्रक्रिया में मदद कर आलू में फटने की समस्या को रोकता है। छठे पोषक तत्व के रूप में शामिल मैग्नीशियम भी आलू की फसल के लिए बहुत उपयोगी होता है।
आलू की फसल में पोषक तत्व प्रबंधन (अनुशंसित उर्वरक की मात्रा KG 48 :40 :40 ) – बुवाई के समय महावीरा जिरोन पावर प्लस 250 किलो, एमओपी 66 किलो और यूरिया 35 किलो और सिमट्रॉन 4 किलो का इस्तेमाल करना चाहिए। फिर 25 -30 दिन के बाद 35 किलो यूरिया और 25 किलो मैग्नीशियम सल्फेट का प्रयोग करना चाहिए। 50 -55 दिन के बाद यूरिया 35 किलो, एमिट्रोन जेड 250 मि .ली., बेलेको 200 मि. ली. और बोरट्री 200 ग्राम का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा जल घुलनशील उर्वरक 4 -5 ग्राम / लीटर पानी में 25 -30 दिन की अवधि में 19 :19 :19 , 45 -50 दिन की अवधि में 12 :61 :00 का , 50 -55 दिन की अवधि में CN +B +00 :52 :34 तथा 80 -85 दिन की अवधि में 13 :00 :45 / 00 : 00 : 50 का छिड़काव अवश्य करें। इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं।
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