डाउ का स्ट्रांग आर्म करे खरपतवारों का सफाया
इंदौर। सोयाबीन फसल को खरपतवारों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए डाउ एग्रो साइंसेस इंडिया प्रा.लि. ने नया हर्बिसाइड स्ट्रांगआर्म प्रस्तुत किया है। स्ट्रांगआर्म एक नया और अनूठा हर्बिसाइड है, जो कि पहले ही दिन से खरपतवारों का प्रभावी रूप से सफाया करता है। नई पीढ़ी के खरपतवारनाशी स्ट्रांगआर्म को ऐसी विधियों से निर्मित किया गया है, जिसे बुवाई के तुरंत बाद उपयोग में लाया जा सकता है। स्ट्रांगआर्म में सक्रिय तत्व के रूप में डाइक्लोसुलम 84 प्र.श. डब्ल्यूडीजी है, जो कि डाउ एग्रोसाइंसेस द्वारा आविष्कृत उत्पाद हैं। इस रसायनिक तत्व को दुनिया के सभी सोयाबीन उत्पादक देश प्रयोग में ला रहे हैं। यह उत्पाद मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों के प्रगतिशील सोयाबीन उत्पादक किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो कि आधुनिक तकनीक अपनाकर गुणवत्तायुक्त फसल उत्पादन लेना चाहते हैं। सोयाबीन फसल बोने की शुरुआत से पहले 3 दिनों में स्ट्रांगआर्म का इस्तेमाल किया जाए तो बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। स्ट्रांगआर्म बेहद असरदार है तथा इसकी बहुत मात्रा प्रभावकारी असर दिखाती है। इसके एक पाउच (12.4 ग्राम मात्रा) का पानी में अच्छी तरह घोल बनाया जाना चाहिए। एक एकड़ के खेत में छिड़काव के लिए इस घोल को 200 लीटर पानी में मिलाकर फ्लड जेट (कट) नोजल युक्त नैपसेक स्प्रेयर का इस्तेमाल करते हुए एक समान छिड़काव किया जाना चाहिए। स्ट्रांगआर्म को ट्रैक्टर स्प्रेयर में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। स्ट्रांगआर्म का प्रति एकड़ अनुमानित खर्च लगभग 500 रु. आता है। स्ट्रांगआर्म के प्रयोग से सोयाबीन फसल में मुख्य रूप से चौड़ी पत्ती वाले फुलकिया, दूधी, कुंजरू, सेज (मोथा इत्यादि) एवं कुछ संकरी पत्ती वाले खरपतवार दिवालिया, सांवा घास, गांठवाला मोथा आदि से संपूर्ण सुरक्षा मिलती है। इसके साथ ही यह सोयाबीन को पीला एवं फाइटोटॉक्सिक होने से भी बचाता है। खरपतवार का नाश कर स्ट्रांगआर्म फसल को पोषक तत्वों की प्रतिस्पर्धा से बचाता है एवं किसानों को कम खर्च में अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन मिलता है।