मध्यप्रदेश के 24 जिलों में पीएम पोषण योजना से बच्चों को मिल रहा पौष्टिक आहार
07 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश के 24 जिलों में पीएम पोषण योजना से बच्चों को मिल रहा पौष्टिक आहार – प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पीएम पोषण योजना) से मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों में बच्चों को पके हुए पोषण आहार का लाभ मिल रहा है। खासकर, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) वाले 24 जिलों में रहने वाले बच्चे इस योजना से अधिक लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण और बौनेपन जैसी समस्याओं को कम करना है।
मध्यप्रदेश में बैगा, भारिया और सहरिया जैसी पीवीटीजी जनजातियां निवास करती हैं, जो अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, दतिया, गुना, ग्वालियर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, शहडोल, सिवनी, शिवपुरी, और विदिशा सहित 24 जिलों में फैली हुई हैं। इन जिलों में पीएम पोषण योजना के तहत गेहूं और चावल जैसे खाद्यान्न की निरंतर आपूर्ति की जा रही है, जिससे बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में इन जिलों को 56703.97 मीट्रिक टन खाद्यान्न दिया गया था, जबकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 30 सितम्बर तक 26494.66 मीट्रिक टन गेहूं और चावल वितरित किया जा चुका है। इसके अलावा, रसोईयों के मानदेय और भोजन पकाने के अन्य खर्चों के लिए भी समुचित राशि आवंटित की गई है। अनूपपुर से लेकर सिंगरौली तक के जिलों में करोड़ों रुपये का अनुदान जारी किया गया है।
पीएम पोषण योजना का उद्देश्य
इस योजना का मकसद बच्चों में कुपोषण, एनीमिया और जन्म के समय कम वजन जैसी समस्याओं को दूर करना है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी ज़रूरतों का भी ध्यान रखा जाता है। योजना का खास जोर शिशु के पहले 1,000 दिनों में पोषण और देखभाल पर है, जो बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
इस योजना से प्रदेश के आदिवासी बच्चों के साथ ही प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को भी फायदा हो रहा है।
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