समस्या – समाधान (Farming Solution)

मटर पर तापमान का प्रभाव 22 डिग्री सेल्सियस पर होता है यह तापमान हमारे यहां नवम्बर में आता है। मटियार दोमट भूमि में सिंचाई से पानी भर जाता है सुझाव दें

  • देवराज सिंह

16 नवंबर 2021, मटर पर तापमान का प्रभाव 22 डिग्री सेल्सियस पर होता है यह तापमान हमारे यहां नवम्बर में आता है। मटियार दोमट भूमि में सिंचाई से पानी भर जाता है सुझाव दें –

समाधान – मटर पर तापक्रम के प्रभाव के विषय में आपका प्रश्न है जहां आप 22 डिग्री सेल्सियस पर चिंतित हैं जो आपके यहां नवम्बर तक आता है। मटर हो या कोई अन्य फसल केवल तापमान के कारण उत्पादन प्रभावित नहीं होता है। तापमान के साथ-साथ भूमि की नमी का भी उतना ही असर होता है। मटर एक ठंडी एवं शुष्क जलवायु की फसल है कड़ी सर्दी तथा पाले से फूल एवं फल दोनों प्रभावित हो सकते हंै। बुआई के समय भूमिगत तापमान यदि अधिक हो तो अंकुरण प्रभावित होता है तथा पौधे कमजोर होते हैं दूसरी और कम तापमान से भी अंकुरण प्रभावित होता है यदि भूमिगत तापमान 15 से 22 डिग्री सेल्सियस हो तो सबसे उत्तम अंकुरण होता है। बर्शते भूमि में नमी पर्याप्त हो तुलनात्मक अधिक तापमान में बढ़वार अच्छी होती है।

Advertisement
Advertisement

मटर ही नहीं रबी की प्रत्येक फसलों को लम्बी अवधि के शीत दिवस होने से उत्पादन पर सकारात्मक असर होता है। आपकी भूमि मटियार दोमट है सिंचाई पर नियंत्रण करना जरुरी होगा अनियंत्रित सिंचाई से खेत में दल-दल की स्थिति बन जाती है जिससे पौधों की दैहिक क्रिया पर असर होता है बढ़वार गति मंद पड़ जाती है सिंचाई की क्यारी पद्धति या स्प्रिंकलर से सिंचाई करना अधिक अच्छा रहेगा। मटर बुवाई का उत्तम समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर माना गया है आप नवम्बर में लगाये पानी की व्यवस्था तो आपके पास उपलब्ध ही है।

पाले से फसलों के बचाव के उपाय

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement