बीज अंकुरण परीक्षण की सरल विधि
- शोभाराम यादव, अमपाटन
21 जून 2021, भोपाल । बीज बुआई के पहले उसका अंकुरण परीक्षण क्यों आवश्यक है तथा सरल विधि बतायें ?
समाधान – बीज बुआई के पहले उसका अंकुरण परीक्षण अत्यंत आवश्यक है। अंकुरण परीक्षण का ऐतिहासिक/धार्मिक, सामाजिक महत्व भी है राखी के बाद भुजरियाँ का त्यौहार आता है नागपंचमी के दिन गेहूं बुआई दोनों में की जाकर भुजरियों पर उसका उपयोग बड़ों को आदर सहित तथा बराबरी वालों में शिष्टाचार के तहत किया जाना एक परम्परा है इसके पीछे भी बीज की अंकुरण परीक्षण का उद्देश्य सर्वविदित एवं सार्वजनिक बात है। बीज में अंकुरण परीक्षण का सबसे अधिक महत्व सोयाबीन में है क्योंकि उसके बीज में सामान्य तौर पर 50-55′ से अधिक अंकुरण की क्षमता नहीं होती है इसके चलते बीज कम बो पाता है और कम पौध मिलकर उत्पादन प्रभावित होता है। अंकुरण परीक्षण का सबसे अच्छा तरीका है कि 100 अच्छे दानों का चयन करके टाट को गीला करके उसमें कतार से लगाकर टाट से ढंक दें। तथा पानी सींचते रहें। एक सप्ताह बाद अंकुरित बीजों को गिनकर अंकुरण का प्रतिशत निकालकर तदनुसार बीज की/हेक्टर लगने वाली मात्रा का निर्धारण करें कुछ प्रतिशत बीज में फफूंदी भी देखी जाकर बीजोपचार करने के प्रति भी पक्का इरादा बनाया जा सकता है।