नलकूप खनन से रमेश के चेहरे पर आई रौनक
- इंदौर (विशेष प्रतिनिधि)
18 मार्च 2023, नलकूप खनन से रमेश के चेहरे पर आई रौनक – खेती करने के दौरान यदि सिंचाई के लिए पानी का इंतजाम न हो तो जमीन सूखी होने से फसल भी अच्छी नहीं मिलती है, जिससे किसान भी बेनूर हो जाता है। इसके विपरीत यदि जल स्रोत की व्यवस्था हो जाती है, तो फसलोत्पादन के साथ ही किसान के चेहरे की चमक भी बढ़ जाती है।
ऐसा ही कुछ झाबुआ जिले के विकासखण्ड थांदला के ग्राम बालवासा के किसान श्री रमेश पिता गना डामोर के साथ हुआ। ज़्यादा जमीन होने के बाद भी जल का कोई स्रोत नहीं होने से वे खरीफ फसल में प्राकृतिक वर्षा पर ही निर्भर थे। रबी की फसल तो ले ही नहीं पाते थे। जीवन यापन के लिए अन्यत्र मजदूरी के लिए जाना पड़ता था। राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, थांदला द्वारा नलकूप खनन एवं विद्युत पंप का प्रकरण स्वीकृत किया गया। नलकूप खनन सफल रहा। सिंचाई करके अब श्री रमेश पूरे वर्ष फसल लेते हैं। जिससे उनके चेहरे पर रौनक आ गई है।
श्री रमेश ने कृषक जगत को बताया कि हमारे बालवासा क्षेत्र में पानी की बहुत कमी है। जल स्तर भी बहुत नीचे है, जिस कारण कुँओं में पानी नहीं रहता। मेरी जमीन पथरीली होने के साथ ही सिंचाई के लिए पानी नहीं था, तो मैं वर्षा की फसल काटकर दिवाली बाद मजदूरी के लिए अन्यत्र चला जाता था, फिर मुझे कृषि विभाग की किसान संगोष्ठी में नलकूप खनन योजना का पता चला। मैंने थांदला में आवेदन दिया। कृषि विभाग द्वारा गत वर्ष नलकूप खनन एवं विद्युत पंप का मेरा आवेदन स्वीकृत किया गया। 400 फ़ीट खुदाई के बाद पानी निकला। 1 लाख 20 हजार की लागत आई जिसमें 40 हजार का अनुदान मिला। अब मेरे पास सिंचाई का पानी होने से मैं पूरे साल फसल लेता हूँ। फिलहाल लपेटने वाले पाइप से सिंचाई करता हूँ। खरीफ में मक्का की फसल लेने के बाद रबी में गेहूं और चना लगाया था, जो कट गया है, लेकिन अभी थ्रेशर नहीं चलाया है। सब्जियों में प्याज और टमाटर लगाया है। भिंडी और ग्वारफली की तैयारी चल रही है। अब मुझे खेती से लाभ होने लगा है इससे मैं खुश हूँ। नलकूप खनन से मेरी आय में वृद्धि हुई है।
श्री जी. आर. चौहान, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, थांदला ने कृषक जगत को बताया कि कृषि विभाग का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करने का है। शासन की कई किसान हितैषी योजनाएं हैं, जिनका लाभ लेकर किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं। किसान श्री रमेश डामोर ने राज्य पोषित नलकूप खनन योजना का लाभ लिया। जिसमें उन्हें अनुदान भी मिला।
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