गुरान के गन्ना किसान को गुड़ ने दिलाया गौरव
गुड़ में किए नए प्रयोगों से बढ़ा कारोबार
- (विशेष प्रतिनिधि)
2 मार्च 2022, इंदौर । गुरान के गन्ना किसान को गुड़ ने दिलाया गौरव – प्राय: लोग एक प्रकार का सामान्य गुड़ ही इस्तेमाल करते हैं। यदि इसके स्वाद और प्रकार में बदलाव कर दिया जाए, तो न केवल मुंह का जायका बदल जाता है, बल्कि मांग भी बढ़ जाती है। ऐसा ही अभिनव प्रयोग इंदौर जिले के सांवेर विकासखंड के ग्राम गुरान के उन्नत कृषक श्री जगदीश रणछोड़ चौधरी ने किया है। उन्होंने जब अलग-अलग स्वाद और आकार का गुड़ बनाना शुरू किया तो इस गुड़ की लोकप्रियता बढ़ी। गुड़ की बिक्री बढऩे से आमदनी के साथ गौरव में भी अभिवृद्धि हुई।
श्री जगदीश चौधरी ने कृषक जगत को बताया कि वे विगत कई वर्षों से गन्ने की खेती कर रहे हैं। लेकिन गुड़ बनाने का काम 4 -5 वर्षों पहले शुरू किया। अभी 7 बीघा में गन्ना लगाया है। गन्ने से 12 प्रकार के गुड़ बनाए जाते हैं, जिनमें सौंठ, अजवाइन, तिल्ली, मूंगफली, चॉकलेट, खोपरा, इलायची और केसर वाला गुड़ भी शामिल हैं। गुड़ का निर्माण पूरी स्वच्छता और शुद्धता के साथ किया जाता है। इनके यहां 5 ग्राम से लेकर 500 ग्राम के वजन में गुड़ बनाया जाता है। 5 ग्राम का गुड़ अभी प्रयोग के तौर पर बनाया है। इनके यहां न्यूनतम 90 रु किलो से लेकर 300 रुपए तक का गुड़ उपलब्ध है, इसमें से अधिकांश गुड़ घर से ही बिक जाता है। गुड़ में किए नए प्रयोगों से कारोबार बढऩे से आय में भी वृद्धि हुई है।
गुड़ बनाने की प्रक्रिया पर रोशनी डालते हुए श्री चौधरी ने बताया कि सर्वप्रथम गन्ने को खेत पर साफ कर गन्ना क्रेशर में ले जाया जाता है। जहां से रस निकालने के बाद उसे तीन बार फिल्टर से छानकर भट्टियों में पलटाया जाता है। गुड़ का मैल साफ करने के लिए भिन्डी की जड़ व तने के रस का उपयोग किया जाता है। गुड़ पकने के बाद लकड़ी के चाक में निकालकर थोड़ा ठंडा होने पर विभिन्न स्वाद वाली सामग्री डालकर अलग-अलग आकार के सांचों में डाला जाता है जिनका वजन 20 ग्राम से 500 ग्राम तक होता है। यह गुड़ औषधीय एवं पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है।
श्री चौधरी ने जानकारी दी कि श्रीमती शर्ली जॉन थामस, परियोजना संचालक आत्मा इंदौर की प्रेरणा से भारतीय गन्ना अनुसंधान केन्द्र लखनऊ में नवंबर 2018 में उत्तम गुड़ उत्पादन तकनीक विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण लिया। इसके बाद इन्होंने 5 एकड़ में ट्रेंच विधि से गन्ना लगाया। जैविक खेती वाले इस गन्ने में उन्होंने जीवामृत, गोबर खाद, केंचुआ खाद के वेस्ट डीकम्पोजर का एवं फसल अवशेषों का खाद के रूप में उपयोग किया, जिससे उत्पादन अच्छा हुआ। अब रसायन मुक्त शकर बनाने की भी तैयारी की जा रही है ,जो पांच दिन की प्रक्रिया के बाद बनकर तैयार हो जाती है। गुड़ बनाने के इस काम से करीब 25 लोगों को रोजगार मिल रहा है। इस गन्ना उत्पादक किसान ने अपने खेत में 20 प्रकार के फलदार वृक्ष भी लगा रखे हैं, जिनमें पपीता, आम, जाम, सीताफल, चीकू, निम्बू आदि शामिल हैं। वर्ष 2019 में जिला प्रशासन, इंदौर द्वारा जिला स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार और उद्यानिकी के क्षेत्र में सब्जी उत्पादन में उल्लेखनीय कार्य हेतु इन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। गुरान के इस गन्ना उत्पादक किसान को गुड़ ने जो गौरव दिलाया है, वह अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का काम करेगा।
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