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हाईटेक खेती के लिए किसानों को ड्रोन पर मिलेगा 5 लाख रुपये अनुदान

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संचालक कृषि अभियांत्रिकी से कृषक जगत की बातचीत

  • अतुल सक्सेना

2 मार्च 2022, भोपाल ।  हाईटेक खेती के लिए किसानों को ड्रोन पर मिलेगा 5 लाख रुपये अनुदान अत्याधुनिक तरीके से खेती करने के लिए अब देश एवं प्रदेश में ड्रोन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ड्रोन तकनीक अपना कर किसान खेत में तरल खाद, कीटनाशक का छिडक़ाव कम समय में कर सकेंगे जिससे लागत एवं श्रम में कमी आएगी और सही समय पर कीट प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके लिए म.प्र. में ड्रोन पर 4 से 5 लाख रुपये तक अनुदान दिया जाएगा, जिससे युवा किसान इसे अपना कर उत्पादन बढ़ा सकेंगे। यह जानकारी म.प्र. कृषि अभियांत्रिकी के संचालक श्री राजीव चौधरी ने कृषक जगत को एक मुलाकात में दी।

ड्रोन पर अनुदान

श्री चौधरी ने बताया कि भारत सरकार ने सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन (एसएमएएम) योजना के तहत कृषि यंत्रों की सूची में ड्रोन को शामिल किया है। जिसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु-सीमांत तथा महिला कृषकों को प्रति यंत्र लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रु. तथा अन्य कृषकों को लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये अनुदान ड्रोन खरीदने पर दिया जाएगा। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश में ड्रोन निर्माताओं का पंजीयन किया जाएगा ।

कस्टम हायरिंग केन्द्रों का विस्तार

संचालक कृषि अभियांत्रिकी ने बताया कि प्रदेश में ड्रोन संचालन के लिए योजना तैयार की जा रही है जिसके तहत कस्टम हायरिंग केन्द्रों का विस्तार किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर ड्रोन भी उपलब्ध होंगे जिसे किसान किराए पर भी ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3150 कस्टम हायरिंग केन्द्र कार्य कर रहे हैं। यहाँ सभी प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध हैं जिसे छोटे एवं मध्यम किसान किराए पर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसानों को खेत तैयार करने, बोवनी और कटाई के लिए यंत्र किराए पर मिलते हैं। अब इसमें ड्रोन सेवा को भी शामिल किया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन सेवा का संचालन करने के इच्छुक केंद्रों के प्रस्ताव लेकर बैंकों को ऋण स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे। साथ ही, अनुदान भी दिलाया जाएगा। ड्रोन डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से मान्यता प्राप्त संस्था से ही लिए जाएंगे। इसके लिए अनुबंध किया जाएगा।

ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण

श्री चौधरी ने बताया कि प्रदेश में अभियांत्रिकी संचालनालय के तहत वर्तमान में 5 कौशल विकास केन्द्र चल रहे हंै जहाँ युवा एवं बेरोजगारों को ट्रैक्टर, हारवेस्टर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह केन्द्र भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं सतना में है। शीघ्र ही 6वां कौशल विकास केन्द्र इंदौर में खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि इन केन्द्र पर अन्य उपकरणों के साथ अब ड्रोन उड़ाने एवं उसके रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण ड्रोन निर्माता कंपनियां देंगी।

उन्होंने बताया कि कीटनाशक दवा छिडक़ाव के संबंध में ट्रेनिंग भी दी जाएगी। दवा और पानी की मात्रा कितनी होनी चाहिए कितनी ऊंचाई से ड्रोन उड़ान भरकर दवा का छिडक़ाव करें, जिससे जमीन की सतह तक नहीं पहुंचे। यह सब भी किसान और युवाओं को बताया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि वर्तमान में फसलों में कीटनाशक दवा के छिडक़ाव के लिए हैंड स्प्रे मशीन व ट्रैक्टर स्प्रे मशीन का उपयोग किया जाता है जिससे जिस तरफ से स्प्रे किया जाता है उस तरफ की फसलों में दवा पहुंचती है लेकिन उसके विपरीत दवा नहीं पहुंच पाती दवा का छिडक़ाव जमीन और फसल के करीब से किया जाता है जिससे 50 फीसदी दवा मिट्टी और पानी में पहुंच जाती है। श्री चौधरी के अनुसार कीटनाशक दवा के छिडक़ाव के लिए किसानों को लोन योजना तैयार की जा रही है। इसे किसान कम दवा से ज्यादा फसलों में छिडक़ाव कर सकेंगे।

कृषि में बहुउपयोगी ड्रोन

उल्लेखनीय है कि स्वामित्व योजना में भी ड्रोन तकनीक से काम हो रहा है खासतौर पर खेती को आगे बढ़ाने के लिए। ड्रोन तकनीक किसानों के लिए क्रांतिकारी साबित हो रही है। टिड्डी दल के आक्रमण में ड्रोन तकनीक से सफलतापूर्वक काबू पाया गया। स्वामित्व योजना भी इसी तकनीक की बदौलत सफल रही है। वर्तमान में स्वामित्व योजना के तहत 35 ड्रोन काम कर रहे हैं। रोजगार वृद्धि में ड्रोन तकनीक उपयोगी सिद्ध होगी। कृषि के क्षेत्र में मानव सुरक्षा, उर्वरक बचत और कृषि उत्पादन बढ़ाने में ड्रोन तकनीक विशेष लाभकारी रही है। ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए नियमों को आसान बनाया गया है। पहले जहां कंपनियों को 25 फार्म भरने पड़ते थे, वह संख्या घटाकर पांच कर दी गई है। लाइसेंस की प्रक्रिया और रजिस्ट्रेशन में स्पष्टता बढ़ाई गई है।
कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकियों के लाभों को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के परामर्श से ड्रोन के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है।

किसानों को परेशानियों से बचाएगा ड्रोन

देश में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे मजदूरों की अनुपलब्धता या अधिक लागत, रसायनों उर्वरक, कीटनाशक के संपर्क में आने से स्वास्थ्य समस्याएं आदि। इसमें ड्रोन लाभों के साथ परेशानियों से बचने में किसानों की मदद कर सकते हैं। कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर भी प्राप्त होंगे।

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