संपादकीय (Editorial)

केन्द्रीय बजट और किसान

  • डॉ. भागचन्द्र जैन
    प्राध्यापक (कृषि अर्थशास्त्र)
    इंदिरा गांधी कृषि विश्व विविद्यालय,
    कृषि महाविद्यालय, रायपुर

‘कृषिरेव महालक्ष्मी:’ अर्थात् कृषि ही सबसे बड़ी लक्ष्मी है। भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि कहलाती है। भारत विकासशील देश है। भारत सबसे बड़ा गेहूं और दूध उत्पादक देश है। भारत सबसे बड़ा मसाला उत्पादक देश है। विश्व में फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। कोरोना के संकट काल में वर्ष 2020-2021 में भारत की आर्थिक विकास दर ऋणात्मक (-8.8 प्रतिशत) रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि कृषि विकास दर 3.4 प्रतिशत होने का आकलन किया गया है। कोरोना की विषम परिस्थिति में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन 30 करोड़ टन से अधिक आंका गया है। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 20 प्रतिशत आंका गया है। कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए तथा वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लिए 16 सूत्रीय योजना बनायी गयी है।

वर्ष 2021- 2022 के बजट में कृषि विकास के लिए विभिन्न प्रावधान किये गये हैं, जैसे कृषि उपज मण्डी समितियों को इंटरनेट से जोडऩा तथा 1000 कृषि उपज मण्डी समितियों को इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार Óई-नेमÓ से जोडऩा, कृषि साख, जैविक खेती, सूक्ष्म सिंचाई, आपरेशन ग्रीन को बढ़ावा देना। फसलों को लागत की तुलना में डेढ़ गुना समर्थन मूल्य फसलों को देने का संकल्प दुहराया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आवंटन में वृद्धि की गई है।

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कृषि उपज मण्डी समितियां इंटरनेट से जुड़ेंगी

भारत सरकार द्वारा 14 अप्रैल 2016 को इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नेम की शुरूआत 23 मण्डियों में पायलट योजना के रूप में की गई। ई-नेम कृषि उत्पाद की पारदर्शी और कार्य कुशल खरीद और बिक्री के लिए अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है। भारत में 7246 कृषि उपज मण्डी समितियां और 21238 ग्रामीण बाजार कार्यरत् हंै। केन्द्रीय बजट में प्रावधान किया गया है कि कृषि उपज मण्डी समितियों को इंटरनेट से जोड़ा जायेगा तथा 1000 कृषि उपज मण्डी समितियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जायेगा।


भारत में किसान, श्रमिक और खेती

किसानों की संख्या 11.87 करोड़
कृषि श्रमिकों की संख्या 14.43 करोड़
कृषि पर निर्भर ग्रामीण जनसंख्या 70.00 प्रतिशत
लघु तथा सीमांत किसान 82.00 प्रतिशत
कृषि के अंतर्गत क्षेत्रफल 51.00 प्रतिशत
कृषि और कृषि आधारित 54.60 प्रतिशत

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व्यवसायों में श्रमिक

1 फरवरी 2021 को प्रस्तुत केन्द्रीय बजट में कृषि और कृषि सम्बंधी गतिविधियों के लिए 1.31 लाख करोड़ रूपये आवंटित किये गये हंै।
कृषि साख
कृषि में ऋण इंजेक्शन की भूमिका निभाता है। किसानों को समय पर कर्ज मिले तथा कर्ज की उपयोगिता बढ़े। इसलिए बजट में कृषि ऋण का प्रावधान 15 लाख करोड़ रूपये से बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रूपये किया गया है। कर्ज के समुचित उपयोग से कृषि आदानों जैसे- उन्नत बीज, उर्वरक, पौध संरक्षण दवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी तथा उन्नत कृषि तकनीक को बढ़ावा मिलेगा, किसानों की आमदनी बढ़ेगी। ढाई करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दो लाख करोड़ रूपये के रियायती कर्ज देने की योजना बनायी गई है, किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभार्थियों को रियायती दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा।

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जैविक खेती

समय की मांग है- जैविक खेती। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2015-16 में परम्परागत कृषि विकास योजना शुरू की गई थी, जिससे 30934 क्लस्टर लाभान्वित हुये हैं। जैविक ख्ेाती की प्रभावी बनाने के लिए ऑन लाईन पोर्टल बनाये गये हंै।

सूक्ष्म सिंचाई

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से 5000 करोड़ रूपये का सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया था, जिसे बजट में बढ़ाकर 10000 करोड़ रूपये किया गया है। इस कोष का उद्देश्य विशेष और नई परियोजनाओं द्वारा सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ाना है।

लागत की तुलना में डेढ़ गुना समर्थन मूल्य

भारत सरकार द्वारा खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों का लागत की तुलना में डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, न्यूनतम समर्थन मूल्य का किसानों को लाभ दिलाने के लिए खरीद किये जाने वाली जिसों की मात्रा में वृ़िद्ध की गई है

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

वर्ष 2015 – 2016 से अभी तक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई सुविधा में 50.1 लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा जुटायी गई है। बजट में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का आवंटन बढ़ाया गया है।


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से गत चार वर्षो में 7.2 करोड़ आवेदक लाभान्वित हुये हैं, जिन्होंने प्रीमियम के रूप में 17450 करोड़ रूपये दिये हंै, जबकि किसानों को फसल बीमा की 87000 करोड़ रूपये की राशि मिली है। केन्द्रीय बजट में फसल बीमा योजना की राशि में वृद्धि की गई है।

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केन्द्रीय बजट और किसान

आपरेशन ग्रीन:

आलू, प्याज, टमाटर को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिये वर्ष 2018-19 में मिशन आपरेशन ग्रीन योजना शुरू की गई थी। केन्द्रीय बजट में प्रावधान किया गया है कि आपरेशन ग्रीन योजना में 22 और उत्पाद शामिल किये जायेंगे। केन्द्रीय बजट में कृषि और किसान कहां गया है। कृषि को बजट में प्राथमिकता दी गई है। किसानों, ग्रामीणों के लिये कृषि योजनाओं’-कार्यक्रमों को उपयोगी बनाया गया है, जिनका लाभ लेकर कृषक, ग्रामीण, पशुपालक, सब्जी फल उत्पादक सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हंै।

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