टीएमआर वैगन की डेयरी में उपयोगिता
दुुग्ध उत्पादन में भारत की गिनती दुनिया के अग्रणी देशों में होती है। सामान्यत: भारत में डेयरी घर के पीछे अहाते में चलायी जाती है और डेयरी में जानवरों की औसत संख्या दो से पॉंच होती है। इसमें सामान्यत: घर के सदस्य ही कार्य करते हैं पर आजकल उद्यमियों ने डेयरी को भी उद्योग के तौर से लेना शुरू कर दिया है। इन उद्यमियों में खासतौर से नये युवा वर्ग के उद्यमियों की डेयरी उद्योग में काफी रूचि बड़ी है और वे अधिक पशुओं की संख्या वाले डेयरी फार्म स्थापित कर रहे हैं। जिसमें पशुओं की संख्या दस से लेकर पॉंच सौ तक है। ज्यादा पशुओं वाली डेयरी ज्यादातर शहरों के बाहरी इलाकों में बनायी जा रही है पर जैसा कि आप जानते हैं आजकल कृषि व अन्य कार्यों के लिए श्रमिक मिलना पहले के मुकाबले कठिन हो गया है और यही समस्या बड़ी डेयरी फार्म के साथ भी आने की संभावना है। श्रमिक न मिलने की समस्या का समाधान डेयरी फार्म के यंत्रीकरण द्वारा किया जा सकता है। डेयरी फार्म में विभिन्न कार्य प्रतिपादित किये जाते हैं। जिसमें दुग्ध दोहन,पशुओं का चारा बनाना, पशुओं को चारा देना व गोबर की सफाई करना मुख्य कार्य हैं। जिसमें दुग्ध दोहन सबसे थकावट भरा कार्य है। उसके लिए भी बाजार में मशीनें उपलब्ध हैं जिनसे पशुओं का दुग्ध दोहन किया जा सकता है। गोबर की सफाई के लिए डेयरी फार्म का प्लेटफार्म नाली की ओर ढालू बनाते हैं जिससे कम पानी व कम मेहनत में गोबर पानी के साथ नाली से होता हुआ सीधे बायो गैस संयत्र में पहुुंच जाए। इसे मिट्टी के टैंक में भी ले जाया जा सकता है और सूखने के बाद इसे खाद के रूप में बेचकर लाभ कमाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जानवरों का चारा बनाना व उसे जानवरों को बांटना भी एक थकाऊ काम है। अधिकांशत: भारत में यह कार्य अभी भी श्रमिकों द्वारा हो रहा है पर यह कार्य भी मशीनों द्वारा आसानी व कम समय में किया जा सकता है इसके लिए एक टी.एम.आर. वैगन मशीन (टोटल मिक्स राशन) जो बाहरी देशों में इस्तेमाल हो रही है, भारतीय स्थिति के अनुरूप है जो ट्रैक्टर से खींची जाती है परन्तु इसकी जानकारी भारत के लोगों को न के बराबर है। इसको चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें पशुओं के लिए उपयुक्त सभी खाद्य जैसे सूखी घास, हरी घास की कुट्टी एवं सान्द्रण को उचित मात्रा में डाल दिया जाता है तथा इस टी. एम. आर. वैगन को ट्रैक्टर से पावर देकर उपरोक्त खाद्य को मिश्रित किया जाता है। इस टी.एम.आर. वैगन में एक दरवाजा लगा होता है और उस दरवाजे को खेालकर टी.एम.आर.वैगन को जब ट्रैक्टर द्वारा खींचा जाता है तो टी.एम.आर.वैगन के अन्दर बरमा/औगर के चलने से मिश्रित पशु आहार एक पंक्ति में गिर जाता है। यदि ऊपर लिखी सभी गतिविधियॉं डेयरी फार्म में श्रमिक द्वारा की जाय तो सामान्यत: एक श्रमिक दस जानवरों की देखरेख कर सकता है पर यदि सभी कार्य यंत्रों से किये जाय तो एक श्रमिक दस की जगह पचास या अधिक जानवरों की देखरेख कर सकता है, पर इसके लिए डेयरी फार्म का निर्माण चित्र में दिखाये गए डेयरी की तरह होना चाहिए जिसमें ट्रैक्टर के जाने का रास्ता होना चाहिए। जैसे कि दूध निकालने की मशीनें, गोबर गैस टेक्नालॉजी बाजार में उपलब्ध है, और केवल टी.एम.आर. वैगन की उपलब्धता व जानकारी अभी उस स्तर तक नहीं पहुंच पायी है, पर भारतवर्ष में भी विभिन्न स्थानों में इसकी बिक्री शुरू हो गयी है। मशीन की कीमत क्षमता अनुसार रुपए 3 से 5 लाख तक की है। इसके कुछ विक्रेता नीचे दिये गये हैं। इस मशीन के संदर्भ में और अधिक जानकारी इन विक्रेताओं से सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है ।