Editorial (संपादकीय)

अब किसानों को मिलेगा उपज का उचित मूल्य

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(विशेष प्रतिनिधि)
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये राज्य सरकार द्वारा भावान्तर भुगतान योजना लागू की जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करना तथा मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है। इस योजना में किसान द्वारा प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज मण्डी प्रांगण में चिन्हित फसल बेचने पर राज्य सरकार द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर और केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसानों को भुगतान की जायेगी।

किसानों का पंजीयन एक से 30 सितम्बर तक : भावान्तर भुगतान योजना खरीफ 2017 के लिये पायलट योजना के रूप में लागू की जा रही है। योजना में सोयाबीन, मूँगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूँग, उड़द और तुअर की फसलें ली गई हैं। इसके लिये किसानों का पंजीयन एक सितम्बर 2017 से 30 सितम्बर 2017 तक भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर किया जायेगा। पंजीयन के समय आधार कार्ड नम्बर, बैंक खाते की जानकारी और मोबाईल नम्बर देना होगा। पंजीयन के बाद किसान को यूनिक आईडी नम्बर प्रदान किया जायेगा।

मॉडल विक्रय दर की गणना : यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में बेची गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम परंतु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में जमा की जायेगी। इसी तरह यदि किसान द्वारा मण्डी परिसर में बेची गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से कम हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर की अंतर की राशि किसान के खाते में जमा करवाई जायेगी।

लाइसेंसी गोदाम में उपज रखने पर अनुदान: योजना में पंजीकृत किसानों को उपयुक्त बाजार भाव पर उनकी उपज के विक्रय अवसर प्रदान करने और उचित समय पर फसल बेचने को प्रोत्साहित करने के लिये लाइसेंसी गोदाम में कृषि उपज रखने के लिये किसान को अनुदान दिया जायेगा।
भावान्तर भुगतान योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के बाद तुअर के लिये एक मई से 30 अगस्त 2018 तक तथा सोयाबीन, मूँगफली, रामतिल, मक्का, मूँग और उड़द के लिये एक जनवरी से 30 अप्रैल 2018 तक लाइसेंसी गोदाम में कृषि उत्पाद रखे जाने पर गोदाम किराया किसानों को दिया जायेगा। मण्डी में विक्रय के बाद जारी किये जाने वाले अनुबंध पर्ची, तौल पर्ची और भुगतान पत्रक पर किसान का पंजीयन क्रमांक इंद्राज किया जायेगा। यह जानकारी भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर मण्डी द्वारा दर्ज की जायेगी।

                         मुख्य बिन्दु

  • योजना में 8 फसलें
  • 11 सितं. से 11 अक्टू. तक पंजीयन
  • भुगतान किसान के खाते में डीबीट से
  • मार्कफेड और नान भुगतान एजेन्सी

    जिलों में भुगतान की जिम्मेदारी
  मार्कफेड    म.प्र. राज्य आपूर्ति निगम
1 भिंड 1 ग्वालियर
2 मुरैना 2 गुना
3 श्योपुरकलां 3 अशोकनगर
4 शिवपुरी 4 इंदौर
5 दतिया 5 धार
6 झाबुआ 6 बैतूल
7 अलीराजपुर 7 विदिशा
8 खरगोन 8 होशंगाबाद
9 खंडवा 9 हरदा
10 बुरहानपुर 10 बालाघाट
11 बड़वानी 11 जबलपुर
12 उज्जैन 12 मंडला
13 मंदसौर 13 छिंदवाड़ा
14 नीमच 14 सिवनी
15 रतलाम 15 सागर
16 देवास 16  दमोह
17 शाजापुर 17 टीकमगढ़
18 आगर मालवा 18 छतरपुर
19 भोपाल 19 पन्ना
20 सीहोर 20 सतना
21 रायसेन 21 सीधी
22 राजगढ़ 22 शहडोल
23 कटनी 23 डिंडोरी
24 नरसिंहपुर 24 अनूपपुर
25 रीवा 25 सिंगरौली
26 उमरिया

 मॉडल विक्रय दर म.प्र. और दो अन्य राज्यों की मॉडल दर का औसत
योजना का लाभ पंजीकृत किसानों को मध्यप्रदेश में उत्पादित कृषि उत्पाद का विक्रय अधिसूचित मण्डी परिसर में करने पर ही मिलेगा। योजना का लाभ जिले में विगत वर्षों की फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन के सीमा तक दिया जायेगा।
क्र. फसल भावांतर भुगतान योजना के माडल विक्रय दर गणना 
     लिये विक्रय की अवधि हेतु दो अन्य राज्य
तिलहन फसलें
1 सोयाबीन 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर महाराष्ट्र, राजस्थान
2 मूंगफली 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर गुजरात, राजस्थान
3 तिल 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर उड़ीसा, छत्तीसगढ़
4 रामतिल 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर प. बंगाल, राजस्थान
खाद्यान्न फसल
5 मक्का 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर कर्नाटक, महाराष्ट्र
दलहनी फसलें
6 मूंग 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर राजस्थान, महाराष्ट्र
7 उड़द 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर राजस्थान, उत्तरप्रदेश

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