सोयाबीन में पीला मोजेक वायरस का प्रकोप
23 अगस्त 2022, भोपाल: सोयाबीन में पीला मोजेक वायरस का प्रकोप – पीला मोजाइक वायरस की बीमारी है। इसके वाहक का काम सफ़ेद मक्खियां करती है। इसे खत्म तो नहीं लेकिन कम किया जा सकता है। इसके लिए यलो स्टिकी ट्रैप का प्रयोग करें। खेत में 15 -20 जगह लगाएं। मक्खियां चिपक जाएंगी। रोगग्रस्त पौधों को खेत से निकाल दें। उपचार के लिए बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड @ 350 मिली /हे या थायोमिथाक्सम +लेम्बड़ा सायहेलोथ्रिन @125 मिली /हे का प्रयोग करें। बर्ड पर्च का प्रयोग – खेती में चिडिय़ों का खेती में बहुत महत्व है। प्रत्येक चिडिय़ा एक घंटे में 40 -50 इल्लियां खा जाती है। टी आकार की खूंटियां फसल से डेढ़ -दी फ़ीट की ऊंचाई पर जितनी चाहे लगाएं। फिरोमान ट्रैप भी लगाएं। इससे यह पतंगों को भी खाएंगी। इससे चिडिय़ों की क्षमता में 20 त्न की वृद्धि हो जाती है। गर्डल बीटल की इल्लियां तने को खोखला कर देती है। पत्तियां मुरझाने लगती है। इसके लिए जागरूक रहें। समय -समय से फसल का निरीक्षण करते रहें और रोगग्रस्त पौधे खेत से बाहर कर दें ।
महत्वपूर्ण खबर: सोयाबीन में पीला मोज़ेक रोग के नियंत्रण के लिए सलाह
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़ , टेलीग्राम )