फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

07 जुलाई 2022, इंदौर: सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह (4 से 10 जुलाई 2022) – भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान, संस्थान, इंदौर ने 4 से 10 जुलाई की अवधि के लिए सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी है। इस वर्ष सोयाबीन की खेती किए जाने वाले क्षेत्रों में मानसूनी वर्षा के आगमन एवं फैलाव में असामान्य स्थितियां देखी गई हैं।
कुछ क्षेत्रों के किसानों द्वारा सोयाबीन की बोवनी संपन्न हो गई है, जबकि कुछ किसान जो कि सोयाबीन की बोवनी हेतु पर्याप्त वर्षा जल की प्रतीक्षा कर रहे थे, पिछले सप्ताह हुई बारिश के पश्चात उन्होंने सोयाबीन की बोनी प्रारंभ की हैं या कर रहे हैं |

अतः उक्त परिस्थिति में सोयाबीन कृषकों के लिए निम्न कृषि कार्य अपनाने की सलाह है –

(अ ) ऐसे किसान जिन्होंने  सोयाबीन की बोवनी अभी तक नहीं की है, या हाल ही में 3-4 दिन पूर्व की है : ज्ञात हो कि सोयाबीन की बोवनी हेतु जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता हैं. अतः आपसे निवेदन है कि निम्न सस्य क्रियाओं  का पालन कर सोयाबीन की बोवनी संपन्न करें.

1. इस सप्ताह का समय सोयाबीन की बोवनी के लिए उपयुक्त है,अतः आपके क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा (100 मिमी .) होने की स्थिति में सोयाबीन की बोवनी करें।

2. कृषकों को सलाह है कि एक ही किस्म की  की बोवनी करने के स्थान पर अपने खेत में विभिन्न समयावधि  में पकने वाली  2-3 अनुशंसित  किस्मों  की खेती को प्राथमिकता दें।

3. बीज गुणवत्ता (न्यनूतम 70% अंकुरण ) के आधार  पर बीज दर का प्रयोग करें। अंकुरण परीक्षण  के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध  बीज का अंकुरण न्यूनतम 70 % सुनिश्चित करें।

4. विपरीत मौसम (सूखे की स्थिति ,अति वृष्टि आदि ) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ.पद्धति  या रिज  एवं फरो पद्धति  से करें।

5. बोवनी के समय बीज को अनुशंसित  पूर्व मिश्रित फफूंदनाशक  एजोक्सीस्ट्रोबीन +थायो फिनेट मिथाइल +पायरोक्लोस्ट्रोबीन   अथवा  पेनफ्लूफेन + ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबीन 38 एफ.एस) .1 मिली /.किग्रा  .बीज ( अथवा  कार्बोक्सिन  37.5% + थाइरम  37.5% (3 ग्राम/कि ग्रा .बीज (अथवा थाइरम ) 2 ग्राम (एवं कार्बेन्डाजिम ) 1 ग्राम (प्रति कि .ग्रा .बीज से उपचारित  कर थोड़ी  देर छाया में सुखाएं, तत्पश्चात  अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम  30 एफ.एस. 10 मिली /.कि .ग्रा .बीज (अथवा  इमिडाक्लोप्रिड ) 1.25मिली /.कि .ग्रा .बीज से उपचारित  करें।

6. सोयाबीन की बोवनी करते समय बीज को जैविक  कल्चर ब्रेडीरायबियम  +पी.एस.एम प्रत्येक की  5 ग्राम/कि ग्रा .बीज की  दर से करें  .कृषकगण रासायनिक  फफूंद नाशक के स्थान  पर जैविक  फफूंद नाशक ट्राइकोडर्मा (10  ग्राम/कि ग्रा बीज) का भी  उपयोग कर सकते हैं, जिसको  जैविक कल्चरके साथ मिलकर  प्रयोग किया  जा सकता है ।

7. सोयाबीन फसल के लिए आवश्यक पोषक  तत्वों ( 25 60:40:20:कि .ग्रा/हे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व सल्फर) की पूर्ति  केवल बोवनी के समय करें।  इसके लिए  इनमें से कोईभी  एक उर्वरकों  के स्त्रोत का चयन किया जा सकता है। 1  प्रति हेक्टेयर मात्रा – यूरिया 56 कि .ग्रा 375+.कि ग्रा सुपर फास्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट  ऑफ़ पोटाश अथवा 2 प्रति हेक्टेयर मात्रा  – डी.ए.पी 125 कि ग्रा+ 67 कि ग्रा म्यूरेट  ऑफ़ पोटाश +25 कि ग्रा बेन्टोनेट सल्फर अथवा प्रति हेक्टेयर मात्रा मिश्रित उर्वरक  12:32:16 @ 200 कि ग्रा + 25 कि ग्रा/ हे  बेन्टोनेट सल्फर।

8. कृषकों को सलाह है कि सोयाबीन की बोवनी हेतु अनुशंसित  45 से.मी. कतारों की दूरी  का अनुपालन  करें । साथ ही बीज को 2-3 से. मी. की गहराई पर बोवनी  करते हुए पौधे से पौधे की दूरी  5-10 से.मी. रखें। सोयाबीन का बीज दर 65-70 कि ग्रा/हे की दर से उपयोग करें।

9. कृषकगण अपनी सुविधा के अनसुार अनुशंसित बोवनी पूर्व /बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों में से किसी एक का प्रयोग खरपतवार नियंत्रण हेतु कर सकते हैं ( तालिका -1 ).

तालिका 1: सोयाबीन की  फसल में अनुशंसित  खरपतवारनाशक 
सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह (4 से 10 जुलाई 2022)

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