टमाटर फसल में फफूंदनाशी का प्रयोग: अल्टरनेरिया झुलसा रोग नियंत्रण हेतु Metiram 70% WG का उपयोग
17 मई 2025, नई दिल्ली: टमाटर फसल में फफूंदनाशी का प्रयोग: अल्टरनेरिया झुलसा रोग नियंत्रण हेतु Metiram 70% WG का उपयोग – भारत में टमाटर जैसी बागवानी फसलों में फफूंदजनित रोगों का प्रबंधन उत्पादन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। टमाटर की प्रमुख बीमारियों में से एक है अल्टरनेरिया झुलसा (Alternaria blight), जो विशेष रूप से नम और गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय बनती है। यह रोग Alternaria नामक फफूंद के कारण होता है, जिससे पत्तियों पर धब्बे, समयपूर्व पत्तों का झड़ना, फलों का आकार छोटा होना और उपज में भारी कमी देखी जाती है।
सरकारी स्वीकृति
इस रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए Metiram 70% WG नामक फफूंदनाशी को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन सेंट्रल इनसेक्टिसाइड बोर्ड (CIB) द्वारा अनुमोदित किया गया है। यह अनुमोदन दर्शाता है कि इस उत्पाद को भारतीय कृषि जलवायु परिस्थितियों में प्रभावशीलता, सुरक्षा और पर्यावरणीय प्रभाव के लिहाज़ से गहराई से परखा गया है।
Metiram एक डाइथियोकार्बामेट समूह का फफूंदनाशी है, जो सुरक्षा प्रदान करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह फफूंद की कोशिकाओं में श्वसन क्रिया को बाधित करता है, जिससे रोग के प्रसार और विकास को प्रारंभिक स्तर पर ही रोका जा सकता है। इसके “WG” यानी वॉटर डिस्पर्सिबल ग्रैन्यूल (जल में घुलनशील दानेदार) फॉर्मुलेशन से इसे घोलना और छिड़काव करना सुविधाजनक होता है।
मात्रा बनाने की विधि
टमाटर फसल में इसके प्रयोग के लिए सक्रिय तत्व (a.i.) की मात्रा 1750 ग्राम प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। इसके अनुसार, प्रति हेक्टेयर 2500 ग्राम फॉर्मुलेशन का उपयोग करना चाहिए ताकि रोग नियंत्रण के लिए प्रभावी सांद्रता बनी रह सके। यह मात्रा पौधों की पत्तियों पर एक सुरक्षात्मक परत बनाती है, जो फफूंद बीजाणुओं के अंकुरण को रोकती है और संक्रमण को फैलने से पहले नियंत्रित करती है।
इस दवा को 500 से 750 लीटर पानी में प्रति हेक्टेयर की दर से घोलकर छिड़काव किया जाना चाहिए, जो फसल की ऊँचाई और छिड़काव विधि के अनुसार तय होता है। यह घोल पूरे पौधे पर समान रूप से फैलता है और प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को करना बेहतर होता है ताकि दवा का वाष्पीकरण कम हो और प्रभाव अधिक बने।
फफूंदनाशियों के प्रयोग में एक महत्वपूर्ण पहलू होता है फसल कटाई से पहले का प्रतीक्षा काल (waiting period)। Metiram 70% WG के लिए यह प्रतीक्षा काल 6 दिन निर्धारित किया गया है। इसका अर्थ है कि अंतिम छिड़काव के बाद कम-से-कम छह दिन तक फसल नहीं काटनी चाहिए, जिससे फलों पर रासायनिक अवशेष सुरक्षित सीमा में रहें और उपभोक्ताओं की सेहत पर कोई असर न पड़े।
प्रतीक्षा अवधि
अतः, टमाटर फसल में Alternaria blight के नियंत्रण हेतु Metiram 70% WG का प्रयोग एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित और सरकारी स्तर पर स्वीकृत समाधान है। यदि किसान इसे अनुशंसित मात्रा और विधि से उपयोग करते हैं, तो रोग पर प्रभावी नियंत्रण, बेहतर पौध स्वास्थ्य और अच्छी पैदावार सुनिश्चित की जा सकती है। हालांकि, सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसका प्रयोग समेकित रोग प्रबंधन (IPM) कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य उपायों जैसे रोग की निगरानी, फसल चक्र, और प्रतिरोध प्रबंधन के साथ किया जाना चाहिए।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: