फसल की खेती (Crop Cultivation)

मटर की खेती के लिए बेस्ट 5 उन्नत किस्में, सिर्फ 60 से 75 दिनों में हो जाएगी तैयार; मिलेगी बंपर पैदावार

01 नवंबर 2025, नई दिल्ली: मटर की खेती के लिए बेस्ट 5 उन्नत किस्में, सिर्फ 60 से 75 दिनों में हो जाएगी तैयार; मिलेगी बंपर पैदावार – रबी सीजन में मटर की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। अगर आप भी मटर की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो सही किस्म का चुनाव करना बेहद जरूरी है।  हाई-यील्डिंग किस्में अपना कर आप कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। ऐसे में हम यहां आपको  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित मटर की बेस्ट 5 उन्नत किस्मों के बारे में बता रहे हैं, जो महज 60-75 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती हैं और कम लागत में बंपर पैदावार देती है।

Advertisement1
Advertisement

मटर की खेती के लिए उन्नतशील किस्में –

पूसा प्रगति –: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित मटर की किस्म पूसा प्रगति किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है। यह एक जल्दी पकने वाली बौनी किस्म है। खास बात है कि इस किस्म पर चूर्णी फफूंदी नामक रोग नहीं लगता है। इसकी लंबाई  9-10 सेमी होती है और इसके प्रत्येक फली में 8-10 दाने पाये जाते है।

यह किस्म महज 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी उपज 70 क्विंटल हरी फलिया प्रति हेक्टेयर है।

पीएलएम-3 – मटर की खेती के लिए पीएलएम-3 किस्म भी किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह किस्म 60-65 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके फलियों की लम्बाई 8-10 सेमी होती है, जिसकी प्रत्येक फलियों में 8-10 दाने पाये जाते है। इसकी उपज 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हरी फलियां है।

Advertisement8
Advertisement

जवाहर मटर-3- यह किस्म टी-19 एवं अर्लीबेजर के क्रास से विकसित की गई है। इसमें फलियों की लम्बाई 6-7 सेमी एवं फली में दाने 7 तक होते है। इसकी उपज 75 क्विंटल प्रति हे. हरी फलियां है।

Advertisement8
Advertisement

जवाहर मटर-4- यह किस्म बीज की बुवाई से 75 दिन में तैयार हो जाती है। फलियों की लम्बाई 7 सेमी एवं फलियों में 6 दाने पाये जाते है इसमें प्रोटीन की मात्रा 28.7 प्रतिशत तक होती है।

जवाहर मटर-1- यह जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है। इसकी तुड़ाई 70-80 दिन में आरंभ हो जाती है। इसकी उपज 90-120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हरी फली है। फली में दानों की संख्या 8 से 9 एवं प्रोटीन प्रतिशत 24.6 प्रतिशत तक होता है। 

Advertisements
Advertisement3
Advertisement

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements
Advertisement5
Advertisement