मटर से आये बहार
09 सितम्बर 2024, भोपाल: मटर से आये बहार – हरी मटर भारत में सबसे लकप्रिय सब्जियों में एक है। यह बहुत ही पौष्टिक रहती है। इसमें पाचक प्रोटीन प्रचुर मात्रा में (7.2 ग्राम /100 ग्राम) रहता है साथ ही इसमें
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें09 सितम्बर 2024, भोपाल: मटर से आये बहार – हरी मटर भारत में सबसे लकप्रिय सब्जियों में एक है। यह बहुत ही पौष्टिक रहती है। इसमें पाचक प्रोटीन प्रचुर मात्रा में (7.2 ग्राम /100 ग्राम) रहता है साथ ही इसमें
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें11 जनवरी 2024, भोपाल: मटर में माहू (एफिड) का नियंत्रण – रबी फसलों में मटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इस फसल को कई प्रकार के कीट नुकसान पहुंचाते हैं। यदि इनका नियंत्रण समय पर न किया जाए, तो मटर की फसल घाटे का सौदा साबित
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें11 जनवरी 2024, भोपाल: मटर में मटर फली भेदक का नियंत्रण – रबी फसलों में मटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इस फसल को कई प्रकार के कीट नुकसान पहुंचाते हैं। यदि इनका नियंत्रण समय पर न किया जाए, तो मटर की फसल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें11 जनवरी 2024, भोपाल: मटर में पर्ण सुरंगक (लीफ माइनर) का नियंत्रण – रबी फसलों में मटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इस फसल को कई प्रकार के कीट नुकसान पहुंचाते हैं। यदि इनका नियंत्रण समय पर न किया जाए, तो मटर की फसल घाटे का
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें11 जनवरी 2024, भोपाल: मटर में तना मक्खी (स्टेम फ्लाई) का नियंत्रण – रबी फसलों में मटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इस फसल को कई प्रकार के कीट नुकसान पहुंचाते हैं। यदि इनका नियंत्रण समय पर न किया जाए, तो मटर की फसल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें10 जनवरी 2024, भोपाल: मटर फसल की तुड़ाई कब करें – ताजा बाजार के लिए मटर की कटाई तब की जाती है जब वे अच्छी तरह से भर जाती हैं और जब उनका रंग गहरे हरे से हल्के हरे रंग में बदल जाता है। आमतौर
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें10 जनवरी 2024, भोपाल: मटर की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें – फसल को बढ़वार की शुरू की अवस्था में खरपतवारों से अधिक हानि होती है। लैस्सो (एलाक्लोर) @ 0.75 किग्रा ए.आई. या ट्रिब्यूनल @ 1.5 किग्रा ए.आई./हेक्टेयर या पेंडेमेथालिन 0.5 किग्रा ए.आई. /हेक्टेयर बुआई के 25-45 दिन बाद एक हाथ
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें10 जनवरी 2024, भोपाल: मटर की अच्छी पैदावार के लिए खाद एवं उर्वरक कितना दे – मटर में सामान्यतः अनुशंसित उर्वरक नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश की मात्रा क्रमशः 40:60:50 किग्रा प्रति हेक्टेयर होती है। मटर दलहनी फसल होने के कारण इसमें अधिक नाइट्रोजन आवश्यकता नहीं होती है
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें10 जनवरी 2024, भोपाल: मटर में सिंचाई कब और कितनी बार करें – मटर, किसी भी फलदार सब्जी की तरह, सूखे और अत्यधिक सिंचाई के प्रति संवेदनशील है। परंपरागत रूप से मटर में बहाव अथवा नाली पद्धति द्वारा सिंचाई की जाती है। अच्छे अंकुरण के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें10 जनवरी 2024, भोपाल: मटर में बुआई कब करें एवं बीज दर क्या होनी चाहिए – सीड बैड तैयार करने के लिए मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करने के बाद एक या दो हैरो चलाकर बारीक जुताई की जाती है। गोबर की खाद 15-20 टन प्रति हेक्टेयर की दर से
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