फसल की खेती (Crop Cultivation)

Soybean Sowing: कतारों की दूरी, बीज की गहराई और बीज दर का विज्ञान, एक बार में समझिए

01 जुलाई 2025, नई दिल्ली: Soybean Sowing: कतारों की दूरी, बीज की गहराई और बीज दर का विज्ञान, एक बार में समझिए – सोयाबीन की बोवनी करते समय अगर कतारों की दूरी, बीज की गहराई और बीज की मात्रा का सही ध्यान न रखा जाए, तो फसल की उपज पर सीधा असर पड़ता है। ये तीनों बातें छोटी जरूर लगती हैं, लेकिन इनका वैज्ञानिक तरीके से पालन करना हर किसान के लिए जरूरी है। इस लेख में हम आपको आसान भाषा में समझाएंगे कि कतारों के बीच कितनी दूरी रखें, बीज को कितनी गहराई पर बोएं और एक हेक्टेयर में कितने किलो बीज का इस्तेमाल करें, ताकि फसल हो भरपूर और नुकसान न हो ज़रा भी।

बोवनी की तकनीक

बोवनी से पहले बीज का अंकुरण परीक्षण जरूरी है। सुनिश्चित करें कि बीज का अंकुरण 70% से कम न हो। बीज दर को अंकुरण (%) के आधार पर निर्धारित करें। मध्य क्षेत्र के लिए अनुशंसित बीज दर, कतारों की दूरी और बोवनी की गहराई इस प्रकार है:

Advertisement
Advertisement

शीघ्र पकने वाली किस्मों में कतारों से कतारों की दूरी 30 सेमी, पौधों से पौधों की दूरी 5-7 सेमी, बीज दर 80-90 किग्रा/हेक्टेयर और बोवनी की गहराई: 2-3 सेमी

मध्यम समयावधि/फैलने वाली किस्मों में कतारों से कतारों की दूरी 45 सेमी, पौधों से पौधों की दूरी 5-10 सेमी, बीज दर 65-70 किग्रा/हेक्टेयर और बोवनी की गहराई: 2-3 सेमी

Advertisement8
Advertisement

बोवनी के लिए चौड़ी क्यारी प्रणाली (BBF), रिज-फरो पद्धति या परंपरागत सीड ड्रिल का उपयोग करें। यह विधियां सूखा, अतिवृष्टि या असामयिक बारिश जैसी विपरीत परिस्थितियों में फसल को बचाने में मदद करती हैं।

Advertisement8
Advertisement

अंतर-फसली खेती से बढ़ाएं लाभ

असिंचित क्षेत्रों में, जहां रबी फसल लेना संभव नहीं है, सोयाबीन के साथ अरहर की अंतर-फसली खेती लाभकारी है। कतारों की दूरी 30 सेमी रखें। सिंचित क्षेत्रों में मक्का, ज्वार, कपास या बाजरा जैसी फसलों को अंतर-फसल के रूप में उगाएं। फल बागों में खाली जगह का उपयोग भी सोयाबीन की खेती के लिए किया जा सकता है। यह न केवल भूमि का बेहतर उपयोग करता है, बल्कि आय को भी बढ़ाता है।

ICAR के शोध के अनुसार, जून का दूसरा पखवाड़ा और जुलाई का पहला सप्ताह सोयाबीन की बोवनी के लिए सबसे उपयुक्त समय है। लेकिन किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बोवनी तभी शुरू करें, जब मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाए और कम से कम 100 मिमी बारिश हो जाए। इससे बीजों का अंकुरण बेहतर होता है और फसल की शुरुआती वृद्धि मजबूत रहती है।

सोयाबीन की सफल खेती के लिए सही समय पर बोवनी और खेत की उचित तैयारी अत्यंत आवश्यक है। निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखें: मानसून शुरू होने पर खेत में कल्टीवेटर और पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरी और समतल करें। इससे बीज का अंकुरण बेहतर होता है और जड़ों का विकास अच्छा होता है।

खेत की उर्वरता बनाए रखने के लिए बोवनी से पहले 5-10 टन/हेक्टेयर गोबर की खाद या कम्पोस्ट, या 2.5 टन/हेक्टेयर मुर्गी की खाद डालें।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement