फसल की खेती (Crop Cultivation)

Soybean Seed Treatment: बीजोपचार न किया तो फसल बर्बाद, जानें कौन-कौन से रसायन लगेंगे

01 जुलाई 2025, नई दिल्ली: Soybean Seed Treatment: बीजोपचार न किया तो फसल बर्बाद, जानें कौन-कौन से रसायन लगेंगे –  सोयाबीन की फसल में रोग और कीटों का खतरा शुरुआत से ही बना रहता है। अगर बीज बोने से पहले उसका सही तरीके से बीजोपचार न किया जाए, तो पूरी फसल पर बर्बादी का खतरा मंडरा सकता है। बीजोपचार न केवल बीजों को फफूंद और कीटों से बचाता है, बल्कि अंकुरण दर भी बेहतर करता है और फसल की शुरुआती बढ़वार मजबूत बनाता है। इस लेख में जानिए कि बीज उपचार के लिए कौन-कौन से रसायन जरूरी हैं, और उनका सही इस्तेमाल कैसे किया जाए।

खेत की तैयारी 

सोयाबीन की सफल खेती के लिए सही समय पर बोवनी और खेत की उचित तैयारी अत्यंत आवश्यक है। निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखें: मानसून शुरू होने पर खेत में कल्टीवेटर और पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरी और समतल करें। इससे बीज का अंकुरण बेहतर होता है और जड़ों का विकास अच्छा होता है।

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बोवनी से पहले 5-10 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद या 2.5 टन प्रति हेक्टेयर मुर्गी की खाद खेत में समान रूप से फैलाकर मिट्टी में मिलाएं। यह मिट्टी की उर्वरता और संरचना को बेहतर बनाता है।

सोयाबीन की किस्मों का चयन

सोयाबीन की विभिन्न किस्में अलग-अलग जलवायु और मिट्टी के लिए उपयुक्त होती हैं। अपने क्षेत्र की जलवायु और फसल चक्र के आधार पर किस्मों का चयन करें:

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  • शीघ्र पकने वाली किस्में: यदि आप सोयाबीन के बाद आलू, प्याज, लहसुन या गेहूं जैसी फसलें लेते हैं, तो शीघ्र पकने वाली (90-100 दिन) और सीधी बढ़ने वाली किस्में चुनें। उदाहरण: JS 20-29, JS 20-34।
  • मध्यम और लंबी अवधि की किस्में: यदि आप साल में केवल दो फसलें लेते हैं, तो मध्यम (100-110 दिन) या लंबी अवधि (110-120 दिन) की फैलने वाली किस्में चुनें। उदाहरण: JS 95-60, NRC 37।
  • किस्मों की संख्या: स्थिर उत्पादन के लिए कम से कम 2-3 नोटिफाइड किस्मों का उपयोग करें। इससे जोखिम कम होता है और उपज में स्थिरता बनी रहती है।

बीज की गुणवत्ता और उपचार

बीज की गुणवत्ता सोयाबीन की फसल की सफलता की नींव है। बोवनी से पहले बीज का अंकुरण परीक्षण करें। कम से कम 70% अंकुरण वाला बीज ही उपयोग करें।  निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

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बीज उपचार: बीज को रोगों और कीटों से बचाने के लिए उपचार करें। अनुशंसित रसायनों में शामिल हैं:

  • फफूंदनाशक: एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 2.5% + थायोफिनेट मिथाइल 11.25% + थायमेथोक्सम 25% FS (10 मि.ली./किग्रा बीज)। यह चारकोल रॉट, एन्थ्रेक्नोज, कॉलर रॉट जैसे रोगों से बचाता है।
  • वैकल्पिक फफूंदनाशक: पेनफ्लूफेन + ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन (0.8-1 मि.ली./किग्रा बीज) या कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5% (3 ग्राम/किग्रा बीज)।
  • कीटनाशक: थायमेथोक्सम 30 FS (10 मि.ली./किग्रा बीज) या इमिडाक्लोप्रिड (1.25 मि.ली./किग्रा बीज)।
  • जैविक उपचार: बीज को ब्रैडीराइजोबियम और PSB (फॉस्फेट सॉल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया) कल्चर से 5 ग्राम/किग्रा बीज की दर से उपचार करें। इसके साथ ट्राइकोडर्मा (10 ग्राम/किग्रा बीज) का उपयोग भी किया जा सकता है। उपचार का क्रम: फफूंदनाशक → कीटनाशक → जैविक कल्चर।

बोवनी की विधि और बीज दर

सोयाबीन की बोवनी के लिए वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करें ताकि पौधों की संख्या और वृद्धि समान हो:

किस्म का प्रकारकतारों की दूरीपौधों की दूरीबीज दरबोवनी की गहराईबोवनी का तरीकाउर्वरक (NPKS)
जल्दी पकने वाली/सीधी बढ़ने वाली30 सेमी5-7 सेमी80-90 किग्रा/हेक्टेयर2-3 सेमीBBF/रिज-फरो/रेज्ड बेड/सीड ड्रिल25:60:40:20 किग्रा/हेक्टेयर
मध्यम अवधि/फैलने वाली30 सेमी5-7 सेमी80-90 किग्रा/हेक्टेयर2-3 सेमीBBF/रिज-फरो/रेज्ड बेड/सीड ड्रिल25:60:40:20 किग्रा/हेक्टेयर

बोवनी के लिए उपयुक्त यंत्रों जैसे सीड ड्रिल या BBF यंत्र का उपयोग करें।

पोषक तत्व प्रबंधन

  • सोयाबीन की फसल को स्वस्थ और उत्पादक बनाए रखने के लिए उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें:
  • मध्य क्षेत्र के लिए 25:60:40:20 किग्रा/हेक्टेयर (N:P:K:S) की सिफारिश की जाती है।
  • जरूरत पड़ने पर जिंक सल्फेट (25 किग्रा) + आयरन सल्फेट (50 किग्रा) डालें।
  • यूरिया (56 किग्रा) + सिंगल सुपर फॉस्फेट (375-400 किग्रा) + म्यूरेट ऑफ पोटाश (67 किग्रा), या
  • डीएपी (125 किग्रा) + म्यूरेट ऑफ पोटाश (67 किग्रा) + बेन्टोनाइट सल्फर (25 किग्रा/हेक्टेयर), या
  • मिश्रित उर्वरक 12:32:16 (200 किग्रा) + बेन्टोनाइट सल्फर (25 किग्रा/हेक्टेयर)।

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