प्रदेश में रबी बोनी लक्ष्य से कम हुई
25 जनवरी 2021 भोपाल । मध्य प्रदेश में रबी फसलों की बुवाई लक्ष्य से कम होने की संभावना है। क्योंकि अब तक लक्ष्य के विरुद्ध 96 फीसदी बोनी हुई है। बुवाई में कमी गेहूं का लक्ष्य पूरा नहीं होने के कारण आई है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में लगभग 7 लाख हेक्टेयर कुल रबी का रकबा बढ़ा है। परन्तु निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति मुश्किल प्रतीत हो रही है।
कृषि विभाग के मुताबिक 136.97 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 131.80 लाख हेक्टेयर में कुल बोनी हुई है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में कुल बोनी 125.71 लाख हेक्टेयर में हुई थी। चने की बुवाई कम क्षेत्र में हुई है तथा लक्ष्य भी कम किया गया था।
प्रदेश में रबी फसलों का सामान्य क्षेत्र 107.33 लाख हेक्टेयर है। इस वर्ष 136.97 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध अब तक 131.80 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है। इसमें रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी अब तक 87.70 लाख हेक्टेयर में कर ली गई है। जबकि गत वर्ष अब तक गेहूं 79.68 लाख हेक्टेयर में बोया गया था। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक तापमान में गिरावट के कारण गेहूं की बोनी तेजी से बढ़ी है तथा बेहतर उत्पादन होने की संभावना है। इस वर्ष 102.76 लाख हेक्टेयर में गेहूं बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन इसके पूरे होने की संभावना कम है।
प्रदेश के विदिशा जिले में अब तक सबसे अधिक 3.58 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है। वहीं उज्जैन में 3.51, रीवा 3.35, छतरपुर में 3.32 एवं सीहोर में 3.30 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोनी हुई है। राज्य का निवाड़ी एकमात्र ऐसा जिला है जहां लक्ष्य 77 हजार के विरुद्ध 1.62 लाख हेक्टेयर में गेहूं फसल ली गई है।
राज्य में रबी की दूसरी प्रमुख फसल चने की बोनी रकबा इस वर्ष घटा है। अब तक 25.75 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है जबकि गत वर्ष इसकी बोनी अब तक 27.38 लाख हेक्टेयर में कर ली गई थी। राज्य में इस वर्ष 19.27 लाख हेक्टेयर में चना बोने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि चने का सामान्य क्षेत्र 29.73 लाख हेक्टेयर है। प्रदेश में अन्य फसलों के तहत अब तक जौ 94 हजार हेक्टेयर में, मटर 2.61 लाख हेक्टेयर में, मसूर 5, सरसों 7.82 लाख हेक्टेयर में बोई गई है।
वहीं अलसी 90 हजार एवं गन्ना 1.06 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। इस प्रकार राज्य में अब तक कुल अनाज फसलें 88.65 लाख हेक्टेयर में बोई गयी हैं जबकि गत वर्ष इस समय तक 80.86 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी। इसी प्रकार दलहनी फसलें 33.36 लाख हेक्टेयर में एवं तिलहनी फसलें 8.73 लाख हेक्टेयर में बोयी गयी हंै।